सात लाख से अधिक हुए गर्भपात अब परिवार नियोजन पर दिया जाएगा जोर
वर्ष 2015 में सात लाख से अधिक गर्भपात दर्ज हुए जोकि अनचाहे गर्भ को गिराने के लिए हुए थे, जबकि गर्भ निरोधक के प्रयोग से इन हालातों का बदला जा सकता है

नई दिल्ली। वर्ष 2015 में सात लाख से अधिक गर्भपात दर्ज हुए जोकि अनचाहे गर्भ को गिराने के लिए हुए थे, जबकि गर्भ निरोधक के प्रयोग से इन हालातों का बदला जा सकता है। फिलहाल 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग की विवाहित महिलाओं में गर्भ निरोधक का चलन 47.8 प्रतिशत है लेकिन इसे अधिक बढ़ाने के लिए निजी सहयोगियों को सरकार के साथ चलना होगा। इसी दिशा में 242 संस्थाओं के साथ अब गर्भनिरोधक अभियान चलाएंगे।
यह जानकारी देते हुए फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक एंड गायनीकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया की अध्यक्ष डा. रिशमा ढिल्लो पाई ने बताया कि अब गर्भ निरोधक इंजेक्शन आने से इस दिशा में सुधार होंगे।
देश में 2020 विजन के अनुसार, परिवार नियोजन के उचित साधनों के प्रयोग से 2.39 करोड़ शिशुओं के जन्म और 42 हजार महिलाओं की मृत्यु को टाला जा सकता है। भारतीय राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम 1950 में शुरू हुआ था और बीते समय में इसे काफी सफलता भी मिली है, परंतु अभी भी पहुंच, विकल्प, लिंग, समानता और गुणवत्ता जैसे कुछ मुद्दे एक चुनौती बने हुए हैं इसीलिए भारत में करीब 21.3 प्रतिशत योग्य जोड़ों तक परिवार नियोजन की पहुंच नहीं है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की परिवार नियोजन शाखा के उपायुक्त एवं विभागाध्यक्ष, डॉ. एसके सिकदर ने कहा, 'भारत में बड़ी तादाद में विवाहित महिलाएं बच्चों के बीच अंतर की आवश्यकता से अनभिज्ञ हैं। हमारा लक्ष्य है भारतीय जनसंख्या की जन्म दर 2.1 रखने का और देश के 36 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में से 24 ने यह दर हासिल कर ली है सिर्फ बिहार में यह तीन से अधिक है।
उन्होंने बताया कि आज से देश में इंजेक्शन के जरिये लगाये जाने वाले कॉन्ट्रासेप्टिव निशुल्क मिलेंगे। बता दें कि परिवार नियोजन के दो विकल्प हैं अस्थायी और स्थायी। खाने वाली गोलियां, पुरुषों व महिलाओं के कॉन्डोम्स, आईयूसीडी, कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन अस्थायी उपाय हैं। स्थायी उपायों में, महिलाओं व पुरुषों की नसबंदी की सुविधा भारत में उपलब्ध है। पुरुषों की नसबंदी उतनी लोकप्रिय नहीं है, इसलिए महिलाओं को इसकी सलाह अधिक दी जाती है।
आपातकालीन गर्भ निरोध एक अन्य विधि है जिसके बारे में युवाओं को अवश्य जानकारी होनी चाहिए कि इसे अनियोजित गर्भ को टालने के लिए कैसे प्रयोग किया जा सकता है।
आईएमए के अध्यक्ष पदश्री डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि 'लोगों को विविध और प्रभावी गर्भ निरोध विधियों और विकल्पों की जानकारी होनी चाहिए। इसीलिए अब हम दिशा में काम करेंगे।


