बेरोजगार रहने से ज्यादा बेहतर पकौड़ा बेचना है: अमित शाह
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा में अपने पहले भाषण में सोमवार को कहा कि पकौड़ा बेचना शर्मनाक नहीं है लेकिन इसकी तुलना भीख मांगने से करना शर्मनाक है

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा में अपने पहले भाषण में सोमवार को कहा कि पकौड़ा बेचना शर्मनाक नहीं है लेकिन इसकी तुलना भीख मांगने से करना शर्मनाक है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर दिए गए अपने भाषण में उन्होंने बेरोजगारी पर भी अपनी बात रखी।
शाह ने कहा कि पकौड़े बेचना बेरोजगार रहने से ज्यादा बेहतर है।
उन्होंने कहा, "कुछ लोग पकौड़ा बेचने के बारे में कई बातें कह रहे हैं। मैंने भी पी. चिदंबरम का ट्वीट पढ़ा। हां, मेरा मानना है कि बेरोजगार रहने से ज्यादा बेहतर पकौड़ा बेचना है।"
अमित शाह ने कहा, "पकौड़ा बनाना व बेचना शर्म की बात नहीं है, लेकिन इसकी तुलना भीख मांगने से करना निश्चिय ही शर्मनाक है।"
उन्होंने विपक्ष के शोरगुल के दौरान कहा, "आज यदि एक व्यक्ति पकौड़ा बेचकर अपना जीविकोपार्जन कर रहा है तो आने वाले कल में उसका बेटा एक बड़ा उद्योगपति बन सकता है। एक चाय विक्रेता का बेटा देश का प्रधानमंत्री बन सकता है।"
Abhi mai chidambaram sahab ka tweet padh raha tha ki 'mudra bank ke saath kisi ne pakode ka thela laga diya, isko rozgari kehte hain?' Haan main maanta hu ki bheekh maangne se to accha hai ki koi mazdoori kar raha hai. Uski dusri pidhi aage aayegi to udyogpati banegi: Amit Shah
— ANI (@ANI) February 5, 2018
Chai waale ka beta aaj Pradhan Mantri bankar is sadan me baitha hai: Amit Shah in Rajya Sabha
— ANI (@ANI) February 5, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र से पहले एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा था कि जो लोग पकौड़ा बेचकर रोजाना 200 रुपये कमा रहे हैं, उन्हें रोजगार संपन्न मना जा सकता है।
मोदी के इस बयान की विपक्ष ने कड़ी निंदा की। विपक्ष ने कहा कि यह एक क्रूर मजाक है और यह भीख मांगने को भी रोजगार बताने जैसा है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट किया, "प्रधानमंत्री यदि पकौड़ा बेचने को नौकरी कहते हैं, तो उसी तर्क से भीख मांगना भी एक नौकरी है। इस तरह सभी गरीब व अक्षम व्यक्तियों की गणना रोजगार कर रहे व्यक्ति के रूप में की जाए, जो जीविका के लिए भीख मांगने को मजबूर हैं।"
1. A young man who sells pakodas is honourably self-employed, but poor and aspirational. Ask him and he will tell you that he aspires for a regular and secure job. I empathise with him.
शाह ने कांग्रेस के 55 साल के शासन को व्यापक रूप से बेरोजगारी के लिए जिम्मेदार ठहराया।
BJP ne kabhi GST ka virodh nahi kiya tha, iske tarikon ka virodh kiya tha. UPA ye kar sudhar leke aayi, Cess ghatane se rajyon ko nuksaan hua, wo UPA ko chukana tha, par nahi chukaya. 37,000 crore NDA ne chukaya: Amit Shah pic.twitter.com/LKxLhCx48e
— ANI (@ANI) February 5, 2018
Sarkaar ne jab kaam-kaaj sambhala, tab sarkaar ke paas virasat me kya tha? Jis prakaar ka gaddha tha, wo gaddha bharne mein hi sarkaar ka bahut saara samay gaya hai aur gaddha bharne ke baad in uplabhdhiyon ko ek alag najariye se dekhein: Amit Shah in Rajya Sabha pic.twitter.com/W9mY8IkOEV
— ANI (@ANI) February 5, 2018
अमित शाह ने कहा कि देश में 55 साल कांग्रेस की सरकार थी। हम सात-आठ साल सत्ता में रहे है। यह समस्या (बेरोजगारी) ज्यादा भयावह नहीं हुई होती यदि 55 सालों के दौरान प्रभावी कदम उठाया गया होता।
अमित शाह ने कहा, "यह याद करना उचित होगा कि 2013 में क्या परिस्थितियां थीं। यहां तक कि सीमा पर सुरक्षा करने वाले जवान भी सरकार की दुविधा की स्थिति की वजह से अपने वीरता का प्रदर्शन नहीं कर पाते थे। पूरी तरह से नीतिगत अक्षमता व्याप्त थी।"


