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5 हजार से ज्यादा जाति, निवास पत्र पड़े हैं डंप

अतिरिक्त तहसीलदार के कार्यालय में पांच हजार से अधिक जाति निवासी प्रमाण पत्र आनलाइन जारी नहीं हो पाए

5 हजार से ज्यादा जाति, निवास पत्र पड़े हैं डंप
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लोक भटक रहे, रोजाना सैकड़ों लोग जमा कर रहे प्रमाण पत्र पाने दस्तावेज

बिलासपुर। अतिरिक्त तहसीलदार के कार्यालय में पांच हजार से अधिक जाति निवासी प्रमाण पत्र आनलाइन जारी नहीं हो पाए हैं। जबकि लोग प्रतिदिन तहसील कार्यालय पहुंचकर प्रमाण पत्र लेने के लिए भटक रहे हैं। हर दिन जाति, निवासी प्रमाण पत्र के लिए सैकड़ों लोग दस्तावेज जमा करते हैं, मगर प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है, जिससे दस्तावेजों का अंबार लगते जा रहा है। अतिरिक्त तहसीलदार भी कार्यालय में बहुत कम बैठते हैं। हजारों की संख्या में प्रमाण पत्र कार्यालय में धूल खाते पड़े हैं। लोगों में प्रमाण पत्र जारी नहीं होने से काफी आक्रोश है। तहसील कार्यालय में मेनुअल जाति निवासी प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है। लोक सेवा केंद्र में जाति, निवासी के दस्तावेज को ज्यादा किया जा रहा है। जाति, निवासी प्रमाण पत्र को लेकर तहसील कार्यालय में भीड़ लगी है, मगर अतिरिक्त तहसीलदार के प्रमाण पत्र जारी करने का समय तक नहीं है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शासन ने जाति, निवासी प्रमाण पत्र को लोक सेवा केंद्र में दस्तावेज जमा करने का प्रावधान किया गया है। तहसीलदार द्वारा दस्तावेजों की जांच करके प्रमाण पत्र को जारी किया जाता है। दस्तावेज जमा से लेकर प्रमाण पत्र को जारी करने तक का कार्य आनलाइन होना है, मगर तहसील में अतिरिक्त तहसीलदार के कार्यालय में पांच हजार से अधिक जाति, निवासी प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए हैं। वहीं हर दिन लोक सेवा केंद्र में सैकड़ों की संख्या में जाति, निवासी के दस्तावेज जमा हो रहे हैं, मगर कई महीनों से प्रमाण पत्र जारी नहीं होने से दस्तावेजों का अंबार लग गया है।

दफ्तर में नहीं बैठते
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अतिरिक्त तहसीलदार कार्यालय में नहीं बैठते जिससे प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पा रहा है। अतिरिक्त तहसीलदार शहर में तीन से चार दफ्तरों में सरकारी फाइलों को निपटाते हैं, मगर लोगों का काम नहीं करते। सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि भू-माफियाओं के दफ्तरों में सरकारी फाइलों को निपटाया जाता है। अतिरिक्त तहसीलदार के कार्यालय में सुबह से शाम तक प्रमाण पत्र लेने वालों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन सुबह से शाम तक अतिरिक्त तहसीलदार कार्यालय से नदारद रहते हैं। जबकि राजस्व विभाग के उच्च अधिकारी से अतिरिक्त तहसीलदार के कामकाज को लेकर शिकायत भी हो रही है। मगर जिला प्रशासन अतिरिक्त तहसीलदार पर कार्रवाई नहीं कर रहा है।

लोगों में आक्रोश
अतिरिक्त तहसीलदार के कामकाज को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि वे भू-माफियाओं के बीच घिरे रहते हैं। तहसील कार्यालय में रात सात बजे के बाद पहुंचते हैं। जबकि शासन ने राजस्व विभाग को आदेश जारी किया था। लोगों का जाति, निवासी प्रमाण पत्रों को तुरंत जारी किया जाए। प्रमाण पत्र को जरुर लोगों को परेशानी नहीं होना चाहिए, मगर शासन के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। वे अगर दफ्तर में बैठते तो लोगों की समस्या का निराकरण आसानी से होता।

खुलेआम रिश्वतखोरी
प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्यालय में रिश्वतखोरी भी खुले रुप में चलती है। अतिरिक्त तहसीलदार के कार्यालय में कर्मचारी लोगों से उनका काम करने को लेकर खुलेआम पैसे की मांग करते हैं। लोगों को अपना काम कराने के लिए मांग पूरी करनी पड़ती है। जो मांग पूरी नहीं करते उनकी फाइल को गुम होना बता दी जाती है। अतिरिक्त तहसीलदार के कार्यालय में बिना पैसे दिए कार्य नहीं होता है।
लोगों को मजबूरी में पैसे देना पड़ता है। कार्यालय में लोगों और कर्मचारियों के बीच हर रोज काम को लेकर विवाद होता है।


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