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लॉस एंजेलिस में इमिग्रेशन नीति के खिलाफ प्रोटेस्ट के दौरान 400 से अधिक लोग गिरफ्तार

लॉस एंजेलिस में इमिग्रेशन नीतियों के खिलाफ प्रदर्शनों को लेकर लगभग 400 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बीबीसी समाचार के हवाले से बताया कि गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए लोगों में 330 अवैध प्रवासी और 157 अन्य लोग शामिल हैं। इन लोगों को मारपीट और बाधा डालने के आरोप में पकड़ा गया है

लॉस एंजेलिस में इमिग्रेशन नीति के खिलाफ प्रोटेस्ट के दौरान 400 से अधिक लोग गिरफ्तार
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लॉस एंजेलिस। लॉस एंजेलिस में इमिग्रेशन नीतियों के खिलाफ प्रदर्शनों को लेकर लगभग 400 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बीबीसी समाचार के हवाले से बताया कि गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए लोगों में 330 अवैध प्रवासी और 157 अन्य लोग शामिल हैं। इन लोगों को मारपीट और बाधा डालने के आरोप में पकड़ा गया है।

लॉस एंजेलिस पुलिस विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि शहर में कर्फ्यू के पहले ही दिन भीड़ जुटाने के मामले में 203 गिरफ्तारियां हुईं, जबकि कर्फ्यू का उल्लंघन करने के लिए 17 गिरफ्तारियां की गईं।

अमेरिका के दूसरे सबसे बड़े शहर में मंगलवार रात को कुछ घंटों का कर्फ्यू लगाया गया था। लॉस एंजेलिस की मेयर करेन बास ने मंगलवार शाम को लॉस एंजेलिस के डाउनटाउन के कुछ हिस्सों के लिए कर्फ्यू की घोषणा की, जो स्थानीय समयानुसार मंगलवार रात 8 बजे से शुरू होकर बुधवार सुबह 6 बजे तक रहा। उन्होंने बताया कि स्थानीय अधिकारियों ने दिन में बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों के बाद सोमवार रात को शहर में हुई लूटपाट और तोड़फोड़ के जवाब में सीमित कर्फ्यू लगाया था।

लॉस एंजेलिस में जब शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बीच तनाव की स्थिति पैदा हुई थी, उस समय कुछ नकाबपोश लोगों ने कई दुकानों को निशाना बनाया था, जिनमें एक एप्पल स्टोर भी शामिल रहा। नकाबपोश लोगों ने खिड़कियां तोड़ दीं और इलेक्ट्रॉनिक सामान को चुरा ले गए। एडिडास के आउटलेट, फार्मेसियां, मारिजुआना डिस्पेंसरी और ज्वेलरी शॉप को भी निशाना बनाया गया था। कुछ वीडियोज में बड़े स्तर पर तोड़फोड़ देखी गई, जिसमें अलमारियां खाली कर दी गई और स्टोरफ्रंट को नुकसान पहुंचाया गया।

ऐसे में अराजकता बढ़ने पर गिरफ्तारियां की गईं। अशांति के कारण लॉस एंजेलिस पुलिस विभाग पर बहुत ज्यादा दबाव था। स्थिति को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 4 हजार से अधिक नेशनल गार्ड सैनिकों और लगभग 700 एक्टिव ड्यूटी मरीन को लॉस एंजेलिस भेजा। ट्रंप ने इसे "शांति और सार्वजनिक व्यवस्था पर हमला" बताते हुए चेतावनी दी कि प्रदर्शनकारियों पर नकेल कसने के लिए विद्रोह अधिनियम लागू कर सकते हैं, जिससे सेना को आंतरिक अशांति के दौरान सख्ती से कार्रवाई करने का अधिकार मिलता है।

हालांकि इमिग्रेशन नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन सिर्फ लॉस एंजेलिस तक सीमित नहीं रहे। कम से कम दो दर्जन शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतरे। लॉस एंजेलिस में कुछ समय के लिए 101 फ्रीवे को जाम कर दिया गया। शिकागो में भीड़ ने डाउनटाउन लूप में रैलियां निकालीं। न्यूयॉर्क में सैकड़ों प्रदर्शनकारी लोअर मैनहट्टन में मार्च करते नजर आए। अटलांटा में करीब एक हजार प्रदर्शनकारियों ने बुफोर्ड हाईवे पर रैली निकाली और फिर सैकड़ों लोग डोराविल शहर में घुस गए, जहां स्थानीय पुलिस से उनकी झड़प हुई। सैन फ्रांसिस्को, सिएटल, ह्यूस्टन, डलास, सैन एंटोनियो, और वाशिंगटन डीसी जैसे शहरों में भी अलग-अलग स्तर पर प्रदर्शन और पुलिस की उपस्थिति देखी गई।


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