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 आरसीए के चुनाव में खेल से ज्यादा राजनीति का जोर

 राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के चुनाव में खेल से ज्यादा राजनीति का जोर दिखाई दे रहा है

 आरसीए के चुनाव में खेल से ज्यादा राजनीति का जोर
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जयपुर। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के चुनाव में खेल से ज्यादा राजनीति का जोर दिखाई दे रहा है। चुनाव की प्रक्रिया शुरु होते ही संघ पर कब्जे को लेकर सत्तारुढ़ पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुखर नहीं दिखाई देती लेकिन कांग्रेस नेताओं की सक्रियता सामने आ रही है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव डॉ़ सी पी जोशी चुनाव राजनीति में विपक्ष का एक चेहरा है जिसकी प्रत्यक्ष भागीदारी को लेकर अभी संशय बना हुआ है। हालांकि डॉ जोशी ने अपनी तरफ से भीलवाड़ा क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रामपाल शर्मा को आरसीए अध्यक्ष पद के लिए चुनाव मैदान में उतार कर पर्दे के पीछे खड़े होेने के संकेत तो दे ही दिये हैं।

राजस्थान क्रिकेट में ललित मोदी की दखल के साथ ही कांग्रेस के कान खड़े हो गए थे तथा क्रिकेट राजनीति को मजबूत करने वाले इस शख्स के खिलाफ एक तरह का अभियान ही छेड़ दिया था जो आज चरम पर है।

भले ही ललित मोदी की दखलंदाजी सरकार में कम हो गई हो लेकिन कांग्रेस अब भी उन्हें भाजपा का चेहरा ही मान रही है। पिछली बार वसुंधरा सरकार में ललित मोदी की पूरी दखल होने के कारण कांग्रेस ही नहीं भाजपा के कुछ नेता भी परेशान थे जो आज कांग्रेस से मिलकर उन्हें प्रदेश से दूर करने के लिए पर्दे के पीछे से भूमिका निभा रहे हैं।

काफी राजनीति और बदनामी के अभियान के बावजूद ललित मोदी पिछली बार फिर आरसीए के अध्यक्ष चुने गए लेकिन बीसीसीआई के निलंबन के कारण वह इस बार क्रिकेट में कुछ भी नहीं कर पाए जबकि पिछले कार्यकाल में क्रिकेट के कई मैच कराने से राजस्थान पूरे देशभर में छा सा गया था।


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