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सहकारिता आंदोलन से किसानों के साथ ज्यादा से ज्यादा नागरिक जुड़े : भूपेश

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश में किसानों के हित में अनेक सहकारी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं

सहकारिता आंदोलन से किसानों के साथ ज्यादा से ज्यादा नागरिक जुड़े : भूपेश
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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश में किसानों के हित में अनेक सहकारी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। राज्य सरकार का यह प्रयास है कि अधिक से अधिक लोग सहकारिता के माध्यम से लाभान्वित हों। सहकारिता आंदोलन से किसानों के साथ ज्यादा से ज्यादा नागरिक जुड़े यह प्रयास होना चाहिए।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय से बिलासपुर में आयोजित जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर के अध्यक्ष के पदभार ग्रहण कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सम्बोधित कर रहे थे। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर के नवनियुक्त अध्यक्ष प्रमोद नायक का पदभार ग्रहण कार्यक्रम आज सहकारी बैंक बिलासपुर के प्रांगण में संपन्न हुआ। जिसमें सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम विशेष रूप से उपस्थित थे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बैंक के अध्यक्ष प्रमोद नायक को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि केंद्रीय सहकारी बैंक का काम सुचारू रूप से संचालित हो इसके लिए बड़ी जिम्मेदारी नवनियुक्त अध्यक्ष नायक को मिली है। उन्होंने कहा कि सहकारिता अधिनियम में अनेक संशोधन कर अधिनियम का सरलीकरण किया गया है, जिससे सहकारिता आंदोलन से ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो सकें। सहकारी बैंकों से किसानों को खाद, बीज का वितरण किया जाता है। अब राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, लघु वनोपज खरीदी आदि भी सहकारिता का हिस्सा है। ज्यादा से ज्यादा लोगों का जुड़ाव सहकारिता से हो यह प्रयास करना होगा।

किसान हितैषी योजनाओं के लिए छत्तीसगढ़ बन रहा है मॉडल राज्य

कार्यक्रम में उपस्थित सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए अभिनव योजनाएं बनाई गई हैं। इस मामले में छत्तीसगढ़ मॉडल राज्य बन रहा है। उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन किसानों के लिए जरूरी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने त्रिस्तरीय सहकारी बैंक की व्यवस्था कर सहकारिता आंदोलन को मजबूत बनाने का कार्य किया है। धान खरीदी, खाद, बीज, दवा सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को सुलभ है।

पहले धान बिक्री के लिए किसानों को बड़ी दिक्कत होती थी, लेकिन सरकार ने सुव्यवस्थित खरीदी की व्यवस्था बनाई। आज धान बेचने के एक हफ्ते के भीतर किसानों के खाते में पैसा आ जाता है। किसानों की सुविधा के लिए नई सहकारी समितियां गठित की गई हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में समितियों की संख्या 1300 से बढ़ाकर 2058 की गई है। किसानों की ऋण माफी की गई। राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मुख्यमंत्री गोधन न्याय योजना से किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने का कार्य किया।


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