लोगों की सेहत बिगाड़ रहा मधुर मुनक्का
नशे के लिये आज युवा नए नए तरीके इजाद कर रहे हैं। दवाईयों को भी वे नशा के लिये इस्तेमाल करने लगे हैं

बाजार में आसानी से उपलब्ध है नशे का सामान
मनेन्द्रगढ़। नशे के लिये आज युवा नए नए तरीके इजाद कर रहे हैं। दवाईयों को भी वे नशा के लिये इस्तेमाल करने लगे हैं। वहीं कुछ युवा आजकल मुनक्का का जमकर सेवन कर रहे हैं। वहीं यह आसानी से बाजार में उपलब्ध है। यह शहर, गांव व कस्बा सभी जगह आसानी से मिल जाता है।
इसके अधिक सेवन से मानसिक रोग की आशंका रहती है। इसी तरह की एक पान की दुकान पर एक युवक को एक साथ दस मुनक्का लेकर खाते हुये देखा गया। पूछने पर पता चला कि नही खाने पर उसे बेचैनी होने लगती है। उसके खाने के बाद ही आराम मिलता है।
यानी महज एक रूपये में मिलने वाले मुनक्का का नशा युवाओं को बर्बादी की ओर ले जा रहा है। इसके रोकथाम के लिये किसी प्रकार की पहल नही की जा रही है। इसके परिणाम स्वरूप युवा वर्ग इसकी चपेट में आकर मानसिक रोग का शिकार हो रहे हैं। किसी भी पानी ठेला व किराना की दुकान में एक रूपये में मुनक्का की गोली खरीदी जा सकती है।
इसके कारण निम्र आय वालों के लिये यह अच्छा नशा है। इसके नियमित सेवन से अनेक रोग होने की आशंका रहती है। मुनक्का वटी के पाउच में जो डिस्क्रिप्शन कंपनी छापती है उसमें इसे आयुर्वेद औषधि का नाम दिया जाता है। पर इसमें खतरनाक रसायनों का प्रयोग किया जाता है जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है।
कंपनी के डिस्क्रिप्शन के अनुसार मुनक्का वटी के पाउच में मुनक्का, त्रिफला, सौंठ, काली मिर्च, सेंधा नमक, काला नमक, दाल चीनी से बनाये जाने का उल्लेख रहता है। इस संबंध में एक डॉ. ने बताया कि जब इन औषधियों से मिलाकर इसे बनाया जाता है तो नशा कैसे हो सकता है। क्योंकि उक्त सभी चीजों से नशा नही होता। आखिर एक रूपये में मिलने वाले मुनक्का वटी में नशा क्यों होता है इसकी जांच की जानी चाहिये।


