गुजरात में मानसूनी वर्षा ने 100 प्रतिशत का आंकड़ा पार किया
गुजरात में मानसूनी वर्षा ने औसत सालाना आंकड़े यानी 100 प्रतिशत के आंकड़े को पार कर लिया है

गांधीनगर। गुजरात में मानसूनी वर्षा ने औसत सालाना आंकड़े यानी 100 प्रतिशत के आंकड़े को पार कर लिया है।
आज जारी मौसम केंद्र के सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में अब तक 103.02 प्रतिशत वर्षा हो चुकी है और चूकि मानसून के वापसी की शुरूआत की राज्य में सामान्य तिथि 15 सितंबर है और वर्ष 2011 से अब तक यह भी देर से ही हो रहा है, इसलिए अनुमान है कि राज्य में इस बार रिकार्ड वर्षा हो सकती है। मौसम विभाग ने आने वाले चार दिनों में भी राज्य में कई स्थानों पर भारी से अति भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। पिछले 24 घंटे में सभी 33 जिलों के 225 तालुका में वर्षा हुई जिसमें सर्वाधिक 287 मिमी वापी में हुई है।
पिछले साल राज्य में मात्र 76.69 प्रतिशत वर्षा हुई थी जबकि वर्ष 2017 में 110 प्रतिशत से कुछ अधिक वर्षा हुई थी।क्षेत्रवार इस बार अब तक उत्तर गुजरात में सबसे कम 82.95 प्रतिशत वर्षा हुई है। आम तौर पर अल्पवर्षा के लिए कुख्यात कच्छ इलाके में जहां पिछले साल 25 प्रतिशत से भी कम वर्षा हुई थी, ने इस बार रिकार्ड तोड़ वर्षा दर्ज की है और 125.86 प्रतिशत के साथ यह शीर्ष पर है। पूर्व मध्य गुजरात में 98.41 प्रतिशत, सौराष्ट्र में 94.56 तथा दक्षिण गुजरात में 114.45 वर्षा हुई है जो वास्तविक मात्रा के लिहाज से 1623 मिमी के साथ सर्वाधिक है।
जिला वार वलसाड ने मात्रा के लिहाज से सर्वाधिक 2519 मिमी (114.44 प्रतिशत) वर्षा दर्ज कर की है जबकि प्रतिशत के हिसाब से भरूच 141.51 प्रतिशत (998 मिमी) सबसे ऊपर है। देवभूमि द्वारका जिला प्रतिशत और मात्रा दोनो के लिहाज से सबसे कम वर्षा वाला जिला है जहां 69.44 प्रतिशत यानी मात्र 431 मिमी वर्षा हुई है।


