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देश में बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए निगरानी तंत्र : स्मृति ईरानी

देश में किशोर न्याय से जुड़ी बाल कल्याण समितियों और बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए निगरानी तंत्र मौजूद है

देश में बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए निगरानी तंत्र : स्मृति ईरानी
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नई दिल्ली। देश में किशोर न्याय से जुड़ी बाल कल्याण समितियों और बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए निगरानी तंत्र मौजूद है। महिला और बाल विकास मंत्रालय किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (जेजे अधिनियम, 2015) का संचालन कर रहा है, जो बच्चों की सुरक्षा, सम्मान और भलाई सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिक कानून है।

अधिनियम देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों और देखभाल, सुरक्षा, विकास, उपचार और सामाजिक पुन: एकीकरण के माध्यम से उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करके कानून के साथ संघर्ष करने वालों की सुरक्षा प्रदान करता है। यह बच्चे के सर्वोत्तम हित को सुरक्षित करने के लिए देखभाल और सुरक्षा के मानकों को परिभाषित करता है।

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने शुक्रवार को लोकसभा में जानकारी देते हुए कहा कि जेजे अधिनियम 2015 (धारा 27-30) के तहत, बाल कल्याण समितियों को उनके सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है।

उन्हें चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशंस (सीसीआई) के कामकाज की निगरानी करना भी अनिवार्य है। इसी तरह, किशोर न्याय बोडरें को कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों के कल्याण के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार है (धारा 04-09)। राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर, जेजे अधिनियम अधिनियम के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय और राज्य आयोग प्रदान करता है (धारा 109)।

मंत्रालय मिशन वात्सल्य (पूर्व बाल संरक्षण सेवा (सीपीएस) योजना) नाम से एक केंद्र प्रायोजित योजना लागू कर रहा है, जिसके तहत कठिन परिस्थितियों में बच्चों के लिए सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को पूर्वनिर्धारित लागत साझाकरण पैटर्न पर सहायता और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

मिशन वात्सल्य योजना के तहत स्थापित बाल देखभाल संस्थान (सीसीआई) अन्य बातों के साथ-साथ आयु-उपयुक्त शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण तक पहुंचकर, मनोरंजन, स्वास्थ्य देखभाल, परामर्श आदि का समर्थन करते हैं। योजना के दिशानिदेशरें के अनुसार, प्रायोजन की मात्रा 4000 रुपए में देखभाल एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों की गैर-संस्थागत देखभाल के लिए प्रति बच्चा प्रति माह उपलब्ध है तथा चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन में रहने वाले बच्चों के लिए 3000 रुपए प्रति माह प्रति बच्चा अनुरक्षण अनुदान का प्रावधान है।


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