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मोदी का उनकी पार्टी में ही कम होता जा रहा है सम्मान : गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि उनके रवैये से अब उनकी पार्टी में ही उनका सम्मान कम होता जा रहा है

मोदी का उनकी पार्टी में ही कम होता जा रहा है सम्मान : गहलोत
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जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि उनके रवैये से अब उनकी पार्टी में ही उनका सम्मान कम होता जा रहा है और उनकी पार्टी ही उनके खिलाफ होने से धीरे धीरे इनके विरुद्ध विद्रोह भी हो सकता है।

श्री गहलोत ने शनिवार को यहां एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इनकी पार्टी में फूट पड़ गई और पार्टी की हालत खराब है। उन्होंने कहा कि अब श्री मोदी का उनकी पार्टी में आदर खत्म हो रहा है। यह चिंता होनी चाहिए श्री मोदी को खुद के लिए कि आज जनता में तो उनका आदर कम हुआ ही है लेकिन उनकी पार्टी में भी उनका सम्मान कम होता जा रहा है।

उन्होंने कहा कि उनकी बैठकों में यह सब नजर आ रहा है। भाजपा के लोगों से ही पूछ लीजिए कि उनकी पार्टी की बैठकों में किस तरह के हालात बन गए हैं। पहले क्या होता था और अब क्या हो रहा है । पहले और अब में श्री मोदी को लेकर किस तरह के हालात बदल गए है। उन्होंने कहा “मैं श्री मोदी से कहना चाहूंगा कि आप ओबीसी वर्ग से है और कम से कम ओबीसी का तो मान रखो। आपकी जो अप्रोच है, उससे आपकी पार्टी ही आपके खिलाफ हो रही है और धीरे धीरे आपके विरुद्ध विद्रोह भी हो सकता है।”

उन्होंने कहा कि देश एक एवं अखंड रहे, इसके लिए देशवासियों को चाहिए कि वे चाहे किसी भी पार्टी या विचारधारा के हो, सबको देश प्रेम और भारत माता के लिए एकजुट रहना चाहिए।

एक सवाल के जवाब में मुखयमंत्री ने कहा कि देश समझ रहा है और अगर श्री मोदी का मुस्लिम प्रेम जागृत हो गया है तो अच्छी बात है, हम चाहते है कि सब धर्मों एवं जातियों के प्रति उनका प्रेम जागृत हो। हम दुआए करते है कि श्री मोदी, आरएसएस श्री अमित शाह का सभी धर्मों के प्रति प्रेम जागृत हो, मुस्लिम, इसाई, फारसी, जैन, सिख हर जातियों एवं दलितों के साथ।

उन्होंने कहा “लेकिन मेरा अनुभव कहता है ये लोग सत्तर साल में नहीं बोले और अब चुनाव आते ही बोलने लगे है। इन्होंने सत्तर साल में कभी सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांध एवं भीमराव अंबेडकर का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि गुजरात में श्री पटेल का स्मारक बनाया गया है अच्छी बात है लेकिन इससे पहले सत्तर साल में इनका नाम क्यों नहीं लिया, क्योंकि श्री पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया, वह टीस थी इसलिए इनका नाम नहीं लिया गया। इसी तरह पंडित जवाहर लाल नेहरु का कभी नाम नहीं लिया जो देश के लिए दस साल जेल रहे।”

उन्होंने कहा “अगर इतिहास एवं महापुरुषों के नाम को भुलाओगे तो आप महापुरुष कैसे बन पाओंगे। देश में यह इनकी अप्रोच बहुत गलत है। देश में लोकतंत्र कांगेस ने दिया है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस में वंशवाद चल रहा है, कांग्रेस मुक्त भारत बना दो। हम कभी पूछते है क्या कि उनके परिवार में क्या चल रहा है। वोट तो गुप्त होते तभी भी क्यो इस परिवार को लोग चाहते है, उन्होंने कहा कि लोग इस परिवार को चाहते थे, चाहते है और रहेंगे और कांग्रेस कभी मुक्त नहीं होने वाली है।”

श्री गहलोत ने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा कि वहां हालात खराब हैं। पूरा प्रदेश जल रहा है और प्रधानमंत्री को कोई चिंता नहीं है । उन्होंने कहा कि देश माफ नहीं करेगा जिस तरह से मणिपुर को लेकर संदेश दिया गया है। प्रधानमंत्री ने मणिपुर पर संसद में केवल दो मिनट का भाषण दिया जबकि उन्हें देशवासियों को मणिपुर के हालात के बारे में विस्तार से बताया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस शासन में दंगे हुए वह भी बताते, मणिपुर में आग लगी हुई है और देशवासियो को प्रधानमंत्री से अपेक्षा थी कि वह वहां के हालात के बारे में बतायेंगे। उन्होंने कहा कि मणिपुर तीन महीने से जल रहा , दुष्कर्म की घटनाएं हो रही है, थाने में हथियार लूट लिए गए है उसका आने वाले वक्त में हालात क्या होंगे। यह देशवासियों को बताया जाना नहीं चाहिए । वहां के मुख्यमंत्री कह रहे है कि सौ घटनाएं और करीब एक हजार एफआईआर दर्ज हो चुकी हे ऐसे हालात में वहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिए था लेकिन केन्द्र सरकार कोई कदम नहीं उठा पा रही है। देश को बताया जाना चाहिए कि वहां कोई कदम क्यों नहीं उठाये जा रहे है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ठीक ही कहा कि तमाशा नहीं होना चाहिए।


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