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मोदी का सेवा सुशासन गरीब कल्याण का दावा महज धोखा : कांग्रेस

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 11 साल के शासन के सेवा, सुशासन, गरीब कल्याण के दावे को धोखा करार देते हुए कहा है कि उनके दावे सिर्फ कागजी हैं और जमीन पर इन दावों की तस्वीर कहीं नजर नहीं आती है

मोदी का सेवा सुशासन गरीब कल्याण का दावा महज धोखा : कांग्रेस
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 11 साल के शासन के सेवा, सुशासन, गरीब कल्याण के दावे को धोखा करार देते हुए कहा है कि उनके दावे सिर्फ कागजी हैं और जमीन पर इन दावों की तस्वीर कहीं नजर नहीं आती है।

कांग्रेस रिसर्च विभाग के प्रमुख तथा पूर्व सांसद राजीव गोड़ा और एडवोकेट महिमा सिंह ने सोमवार को यहां पार्टी के नये मुख्यालय इंदिरा भवन में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने 11 साल के शासन में सिर्फ दावे किए हैं, लेकिन जमीन पर उसके दावों की कहीं कोई हकीकत नजर नहीं आती है। सरकार आर्थिक विकास का लगातार दावा कर रही है, लेकिन ये दावे उसके जुमले हैं क्योंकि आर्थिक विकास की दर पिछले साल 6.5 प्रतिशत रही है जो कोविड के बाद सबसे कम है। सरकार सिर्फ प्रचार प्रसार में लगी है और जमीन पर उसके दावों की हकीकत कहीं दिखती ही नहीं रही है।

उन्होंने कहा कि नारी शक्ति की बात की जा रही है और उसे बहुत सजा धजाकर पेश किया गया है। उसका डाटा बहुत बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत किया जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि महिलाओं के खिलाफ जो अपराध हुए हैं जो उसके आंकड़े डरावने हैं। राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के अनुसार 2012 में ढाई लाख के करीब मामले थे वे 2022 में साढ़े चार लाख तक पहुंच गये हैं और इसका जवाब मोदी सरकार को देना चाहिए।

पूर्वोत्तर को देश का महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए उन्होंने कहा कि मणिपुर दो साल से जल रहा है और वहां हजारों लोग बेघर हुए हैं और वहां राष्ट्रपति शासन लगाया गया है और उस मणिपुर को जलता छोड़ा गया है और दावा करते हैं पूर्वोत्तर के विकास को सरकार ने सबसे ज्यादा महत्व दिया है।

उन्होंने कहा कि जनगणना को टालने के लिए कोविड का बहाना बनाया गया। मोदी सरकार पहले घोषणा करती है और फिर उसे पूरा नहीं करती है।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार का दावा है कि उन्होंने किसानों को पीएम किसान लाभार्थियों को पौने चार लाख करोड रुपए वितरित किये हैं, लेकिन सच यह है कि सवा दो करोड़ किसानों के नाम सूची से हटा दिए जाते हैं। उनका कहना था कि मोदी सरकार का काम करने का तरीका है कि वह लाभार्थियों की सूची बनाती है और बाद में सूची से नाम हटा देती है और यहां पीएम किसान लाभार्थी योजना में भी यही हुआ है। साल 2011 के आंकड़े के हिसाब से 14 करोड़ से ज्यादा किसान सरकार की योजना से बाहर है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पास नीति है और उसकी काम करने की नीयत है। यह सरकार घोषणा करती है और अपनी ही घोषणाओं को हर साल नये रूप में पेश करती रहती है।


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