रायबरेली में कमल खिलने की उम्मीद जगायेंगे मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में पहली बार आम जनता से मुखातिब होंगे तो उनके जहन में कार्यकर्ताओं में उस जोश को जगाने की होगी जिसकी बदौलत दो दशक पहले भाजपा का कमल यहां खिल उठा था

रायबरेली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में रविवार को पहली बार आम जनता से मुखातिब होंगे तो उनके जहन में कार्यकर्ताओं में उस जोश को जगाने की होगी जिसकी बदौलत दो दशक पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कमल यहां खिल उठा था।
रायबरेली कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, ऐसे में श्री नरेंद्र मोदी समेत समूची भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निगाहे उस अभेद किले को भेदने पर टिकी है जिसे भेदना काफी मुश्किल माना जाता है। ऐसा नहीं है कि रायबरेली में कभी कमल खिला नहीं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी वर्ष 1996 में ये कारनामा कर चुके है।
श्री मोदी के लिए रायबरेली एक अहम् चुनौती है क्योंकि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कार्यकर्ताओं के हौसले पस्त है। श्री मोदी की कोशिश उस हौसले को जगाने की होगी जो करीब 20 साल पहले कार्यकर्ताओं में हुआ करता था। नरेंद्र मोदी इसी जोश को जगाने रायबरेली आ रहे है। शायद उन्हें ग्रीक टर्म ‘फीनिक्स’ से वो चिंगारी मिल गई है। फीनिक्स एक ग्रीक माइथोलोजी है जिसमे एक काल्पनिक चिड़िया जलकर राख हो जाती है और ऐसा माना जाता है कि कुछ सालो बाद उसी राख से दुबारा पैदा हो जाती है। कमल के बीज जो रायबरेली में बीस साल पहले से है शायद मोदी के दौरे के बाद उसमे कुछ जान आ जाये।


