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अल्लाह के खौफ से मोदी हुए चुप : आजम खां

भाजपा की त्रिपुरा जीत को आजम खां ने 'छोटे स्टेट में जीत' कहकर कम आंका और नोटबंदी व गोश्तबंदी को लेकर भी मोदी पर वार किया

अल्लाह के खौफ से मोदी हुए चुप : आजम खां
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रामपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां ने नई दिल्ली के आलीशान भाजपा कार्यालय परिसर में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपने भाषण के दौरान अजान सुनाई देने पर कुछ देर के लिए भाषण रोक देने पर तंज कसा है।

आजम ने कहा, "पीएम मोदी का अजान के समय भाषण रोकना तुष्टीकरण नहीं, अल्लाह का खौफ है। अल्लाह के खौफ के चलते अजान के समय उनकी बोलती बंद हो गई।"

प्रधानमंत्री त्रिपुरा में भाजपा की जीत व पूर्वोत्तर के दो अन्य राज्यों में पार्टी की स्थिति सुधरने पर दिल्ली में कार्यकर्ताओं को बधाई देने के कार्यक्रम में भाषण दे रहे थे।

भाजपा की त्रिपुरा जीत को आजम खां ने 'छोटे स्टेट में जीत' कहकर कम आंका और नोटबंदी व गोश्तबंदी को लेकर भी मोदी पर वार किया।

रविवार को मीडिया से बातचीत में आजम ने कहा, "एक वक्त था जब गुजरात में मोदी जी ने मुस्लिम टोपी पहनने से मना कर दिया था। उन्हीं नरेंद्र मोदी ने अजान की आवाज सुनी और उनके दिल में खुदा का ऐसा खौफ पैदा हुआ कि उन्होंने भाषण रोक दिया। मोदी का अजान के समय भाषण रोकने को तुष्टीकरण नहीं समझना चाहिए, उनके अंदर तो अल्लाह का खौफ है। इसी कारण अजान के समय उनकी बोलती बंद हो गई।"

उन्होंने आगे कहा, "मुझे नहीं पता कि कुरान में कितनी बार लिखा है कि इल्म हासिल करो यानी पढ़ाई करो। प्रधानमंत्री ने हाल ही में नंबर बताते हुए कहा था कि कुरान में इतनी बार कहा गया है कि पढ़ो। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि मैं मुसलमानों के एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कंप्यूटर देखना चाहता हूं। यही बात तो सर सैय्यद ने कही थी। फर्क सिर्फ इतना है कि सर सैय्यद की दाढ़ी बड़ी थी और प्रधानमंत्री की छोटी है। अब तो पीएम नरेंद्र मोदी को भी खुदा का खौफ होने लगा है।"

नोटबंदी पर आजम ने कहा, "सारा देश जानता है कि मुसलमानों के पास कितना पैसा है। देश में जिन लोगों के पास नोटों का बड़ा जखीरा था, उसे मोदीजी ने छीन लिया है, यह तो एक इस्लामिक स्टेप है।"

गोश्तबंदी पर उन्होंने कहा, "मुसलमान को गला-सड़ा ना जाने किस-किस जानवर का गोश्त खिला दिया जाता था, लेकिन अब मोदीजी की सख्ती से मुसलमानों ने गोश्त खाना तकरीबन छोड़ दिया है।"

भाजपा की त्रिपुरा में जीत को कम आंकते हुए आजम ने कहा कि यह बहुत छोटा राज्य है। वहां उनके धर्म वाले लोग रहते हैं, इसलिए आरएसएस की मेहनत का फायदा भाजपा को पहुंचा। मध्य प्रदेश में हुए दो उपचुनावों के बराबर ही त्रिपुरा में वोट मिले हैं। कुल वोट का कुल पच्चीस प्रतिशत वोट ही भाजपा को मिले हैं।


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