मोदी चाहते हैं कि पहलगाम हमले से प्रभावित हुए बिना शासन और विकास जारी रहे: उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से केन्द्रशासित प्रदेश में चल रही शासन और विकास प्रक्रिया प्रभावित न हो

श्रीनगर,जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से केन्द्रशासित प्रदेश में चल रही शासन और विकास प्रक्रिया प्रभावित न हो।
उमर अब्दुल्ला ने तीन मई को राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री से केंद्र शासित प्रदेश से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की थी, जिसमें पहलगाम के बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले पर विशेष ध्यान दिया गया था।
छह महीने बाद श्रीनगर में नागरिक सचिवालय में कार्यालय संभालने के बाद श्री अब्दुल्ला ने एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी हालिया चर्चाओं का विवरण साझा किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “भारत सरकार सर्वोच्च स्तर यह देखना चाहती है कि पहलगाम हमले के कारण जम्मू-कश्मीर में शासन और विकास की प्रक्रिया में किसी तरह की बाधा आड़े न आए। यह हमारी जिम्मेदारी है, जिसका हमें ध्यान रखना होगा।”
पर्यटन क्षेत्र पर हाल की घटनाओं के प्रतिकूल प्रभाव को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री ने तीर्थयात्रियों को किसी भी तरह की असुविधा न हो और अमरनाथ यात्रा को सुचारू रूप से चलाने के लिए सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नागरिक प्रशासन की अपनी जिम्मेदारियां हैं, जिन्हें हमें किसी भी कीमत पर पूरा करना होगा।
बहुप्रतीक्षित ‘रेल-टू-कश्मीर’ परियोजना पर मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि उद्घाटन की तारीख 19 अप्रैल निर्धारित थी, लेकिन खराब मौसम के कारण इसे स्थगित कर दिया गया, और जल्द ही इसके बारे में सूचित किया जायेगा।
उन्होंने कहा, “जितनी जल्दी हम पुल और ट्रेन का उद्घाटन करेंगे, उतनी जल्दी अफवाहें पर विराम लगेगा और रेल से हमें फायदा होगा।”
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार के प्रयास आने वाले छह महीनों में शासन, सार्वजनिक सेवाओं की डिलीवरी और केन्द्र शासित प्रदेश में सरकार के कामकाज में समग्र सुधार के मामले में दिखाई देने चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि शासन केवल सिविल सचिवालय या सरकारी कार्यालयों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने इस साल मार्च में विधानसभा में पारित बजट का जिक्र करते हुए कहा कि भले ही राय अलग-अलग हो सकती है, लेकिन सरकार का दायित्व इसके क्रियान्वयन में निहित है।
उन्होंने कहा, 'लेकिन अब यह हमारा कर्तव्य है कि विधानसभा ने जो बजट पारित किया है, जो बजट इस सरकार ने विधानसभा में लाया है और उसे मंजूरी दिलाई है, हम बजट निर्णयों को लागू करेंगे और संबंधित विभागों और एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठकें आयोजित की जाएंगी।'
उन्होंने एकता और उद्देश्य का आह्वान करते हुए कहा, “मैं यहां केवल इसलिए हूं क्योंकि मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए कुछ करना चाहता हूं। यही मेरा एकमात्र उद्देश्य है, यही मेरे सहयोगियों का उद्देश्य है और मुझे यकीन है कि आपका उद्देश्य भी यही है।”