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मोदी को भ्रष्टाचार पर अब नहीं आता गुस्सा : कांग्रेस

कांग्रेस - देश की बागडोर संभालने से पहले भ्रष्टाचार के विरुद्ध सडकों पर उतरने की बात करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर मौन हैं और भ्रष्टाचार को लेकर अब उन्हें गुस्सा नहीं आता।

मोदी को भ्रष्टाचार पर अब नहीं आता गुस्सा : कांग्रेस
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नयी दिल्ली। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर संवैधानिक ढांचे को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि देश की बागडोर संभालने से पहले भ्रष्टाचार के विरुद्ध सडकों पर उतरने की बात करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर मौन हैं और भ्रष्टाचार को लेकर अब उन्हें गुस्सा नहीं आता।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने नेतृत्व वाली सरकार के शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूडासमा को विधानसभा चुनाव में धोलका सीट पर मिली जीत को रद्द कर दिया है। इस फैसले को भाजपा के भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण बताते हुए उन्होंने कहा कि श्री चूडासमा के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

कांग्रेस नेता ने कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय के इस फैसले से साफ हो गया है कि श्री मोदी को अब भ्रष्टाचार पर गुस्सा नहीं आता। अगर सच में श्री मोदी भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं और वह भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहते हैं तो उन्हें गुजरात सरकार के इस मंत्री को तत्काल मंत्री पद से बर्खास्त कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए और निर्णय करना चाहिए कि फैसले को चुनौती नहीं दी जाएगी।

गौरतलब है कि गुजरात में भाजपा के अत्यधिक प्रभावशाली नेता माने जाने वाले 71 वर्षीय श्री चूडासमा ने पिछले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के अश्विन राठौड़ को 327 मतों से हराया था और निर्वाचन अधिकारी ने 429 पोस्टल बैलेट को खारिज कर इन्हें मतगणना में शामिल नहीं किया था। श्री राठौड़ ने इसे चुनावी गड़बड़ी बताते हुए गुजरात उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जहां आज फैसला उनके पक्ष में आया।

श्री सिब्बल ने कहा कि इस चुनाव में धांधली हुई थी और इसका वीडियो न्यायालय को दिखाया गया, इसलिए नये चुनाव कराने का आदेश दिया गया है। भाजपा इस मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय जाएगी लेकिन उच्चतम न्यायालय में सामान्यत: यही प्रक्रिया रही है कि यदि मामला भ्रष्टाचार का साबित होता है तो उसमें किसी तरह का स्टे नहीं दिया जाता है लेकिन इस मामले में क्या होता है, कुछ नहीं कह सकते।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस फैसले से साफ हुआ है कि निर्वाचन अघिकारी ने भाजपा नेताओं के प्रभाव में इस सीट के 429 मतों पोस्टल मतपत्रों को रद्द कर दिया था। उनका कहना था कि चुनाव नियम के अनुसार डाक मत पत्रों की गिनती ईवीएम के मतों की गिनती से पहले होती है लेकिन यहां नियमों का उल्लंघन किया गया और सरकारी दबाव में ईवीएम की गिनती के बाद पोस्टल मतपत्रों की गिनती की गयी। भाजपा उम्मीदवार इस सीट पर 327 मतों से जीतते हैं और निर्वाचन अधिकारी 429 मतों को निरस्त करते हैं। इससे स्पष्ट नजर आता है कि जो मत पत्र निरस्त हुए हैं, वे सब निश्चित रूप से कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में पड़े थे।

उन्होंने कहा कि यह भाजपा का स्वभाव है कि जहां भी वह हारती है और सरकार बनाने में असफल होती है, वहां जोड़तोड़ की राजनीति करती है और खुद सत्तासीन हो जाती है। यही फार्मूला वह अपने हारने वाले उम्मीदवारों को जिताने के लिए भी अपनाती है और उन्हें जिताने के लिए सारे नियम ताक पर रख देती है। श्री मोदी को बताना चाहिए कि इस सीट के चुनाव में किसके कहने पर नियमों का उल्लंघन किया गया।

श्री सिब्बल ने कहा कि हाल में एशिया के 16 देशों में भ्रष्टाचार को लेकर हुए एक सर्वेक्षण में भारत पहले स्थान पर रहा है। इसी तरह से 2017 और 2018 में देश में भ्रष्टाचार को लेकर एक सर्वेक्षण हुये थे। 2017 में 41 प्रतिशत लोगों ने कहा था कि मोदी भ्रष्टाचार खत्म कर सकते हैं, फिर 2018 के सर्वेक्षण में 31 प्रतिशत लोगों ने माना कि मोदी भ्रष्टाचार खत्म कर सकते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि देश की 70 प्रतिशत जनता को श्री मोदी पर भरोसा नहीं है और मोदी सरकार भ्रष्टाचार को समाप्त नहीं कर सकती।


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