मोदी की आर्थिक नीतियों के कारण दिवाली सर्वाधिक निराशाजनक : शरद
जनता दल यूनाइटेड(जदयू) के बागी नेता शरद यादव ने इस बार की दीपावली को आज़ादी के बाद का सबसे निराशाजनक त्योहार बताते हुए इसके लिए नरेन्द्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है
नयी दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड(जदयू) के बागी नेता शरद यादव ने इस बार की दीपावली को आज़ादी के बाद का सबसे निराशाजनक त्योहार बताते हुए इसके लिए नरेन्द्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है।
श्री यादव ने देशवासियों को आज दीपावली की शुभकामनायें देते हुए कहा कि वह लोगों के समृद्ध एवं खुशहाल जीवन की कामना करते हैं लेकिन उन्हें आम जनता से जो प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं उससे पता चलता है कि आज़ादी के बाद पहली बार लोग इस त्योहार में पूरी तरह निराश और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
लोग खुद को कटा-कटा महसूस कर रहे हैं,बाज़ार में बहुत मंदी है छोटे व्यापारी मोदी सरकार से नाखुश हैं। पिछले साल की तुलना में इस बार दीपावली पर 25 प्रतिशत से कम कारोबार हुआ है।
उन्होंने कहा कि वह खुद इन बातों का अनुभव कर रहे हैं क्योंकि दिल्ली में सब जगह आते- जाते रहते हैं, लेकिन इस बार पहले जैसा ट्राफिक जाम भी नहीं है और बाजार में रौनक भी नहीं है।
यह सब जी एस टी और नोटबंदी के बाद की देश की आर्थिक स्थिति का नतीजा है जो दिखाई दे रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि गत तीन सालों में गौरक्षक, घर वापसी और लव जेहाद जैसी घटनाओं के कारण लोग देश में खुद को सुरक्षित भी महसूस नहीं कर पा रहे हैं।
श्री यादव ने कहा कि किसानों को भी उनका समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है,महंगाई से लोग परेशान हैं, डीएपी खाद की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में 650 डालर प्रति टन से घटकर 371 टन हो गयी है,यूरिया की कीमत 473 डालर प्रति टन से घटकर 208 डालर प्रति टन हो गयी है लेकिन उसका समुचित लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है।
इसी तरह अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी का फायदा लोगों को नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जी एस टी से लोग परेशान हो गए हैं क्योंकि एक ही सामान की जी एस टी अलग-अलग दुकानों पर अलग-अलग है।
उन्होंने कहा कि सरकार केवल वित्तीय घाटा कम करने के लिए ये सब कर रही है पर क्या इससे धरती पर स्वर्ग उतर जायेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार को जनता का दुःख दर्द कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।


