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सीबीआई को अपने इशारों पर नचा रहे मोदी : आप

आप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीबीआई को अपने इशारों पर नचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सीबीआई ने सिर्फ झूठे मुकदमे कर विपक्षी दलों की सरकारों को गिराने और नेताओं को जेल में डालने का काम किया है

सीबीआई को अपने इशारों पर नचा रहे मोदी : आप
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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को अपने इशारों पर नचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सीबीआई ने सिर्फ झूठे मुकदमे कर विपक्षी दलों की सरकारों को गिराने और नेताओं को जेल में डालने का काम किया है।

आप के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीबीआई की हीरक जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीबीआई की खूब तारीफ की। प्रधानमंत्री ने सीबीआई के बखान में बड़े-बड़े कसीदे पढ़े और तारीफों के पुल बांध दिए। इस मौके पर यह सोचना निश्चित है कि प्रधानमंत्री सीबीआई की जो तारीफ कर रहे हैं, यह वास्तव में उसकी कार्यशैली को लेकर है या फिर सीबीआई प्रधानमंत्री के जेब की संस्था बन चुकी है। क्या प्रधानमंत्री यह मानते हैं कि सीबीआई पहले की तरह उनके इशारों पर उनकी कठपुतली की तरह काम कर रही है।

उन्होंने प्रधानमंत्री का उस समय का वीडियो भी साझा किया, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उस दौरान उन्होंने सीबीआई के बारे में एक बयान दिया था। श्री सिंह ने कहा कि मौजूदा प्रधानमंत्री ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते कहा था कि सीबीआई कांग्रेस ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन है। उनकी सरकार के खिलाफ चल रही सारी साजिशों का सबसे बड़ा औजार सीबीआई है। यह वक्तव्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है। अब प्रधानमंत्री को यह बताना चाहिए कि उन्होंने खुद कहा था कि उनकी सरकार को तबाह करने के षड्यंत्र में सबसे बड़े औजार के रूप में सीबीआई का इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां तक कि उस समय सुप्रीम कोर्ट का भी कहना था कि सीबीआई सरकार का तोता बन गया है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी तोते को अपने इशारों पर नचाने का काम कर रहे हैं।

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि जब से सीबीआई का गठन हुआ है, तब से लेकर आज तक एक भी ऐसा उदाहरण देखने को नहीं मिला जब सीबीआई के निदेशक के दफ्तर को सील किया गया हो। लेकिन 2018 में नरेंद्र मोदी सरकार में यह काम हुआ। उस समय सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा थे। उस समय राफेल घोटाले की जांच चल रही थी, उनके पास राफेल की फाइलें थी। राफेल के मामले में वह जांच की शुरुआत कर सकते थे और इसी कारण उन्हें निदेशक के पद से हटा दिया गया। नियम-कानूनों को ताक पर रखकर जबरन सीबीआई का दफ्तर सील कर सीबीआई के तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा को निकालकर बाहर कर दिया।

उन्होंने कहा कि सीबीआई ने भाजपा के इशारे पर फर्जी मामले बनाकर सरकारें बनाने, गिराने, धमकाने और लोगों को पकड़कर जेल में डालने की कार्रवाई की है। यह हमें दिल्ली और अन्य राज्यों में भी देखने को मिला।


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