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मोदी-जिनपिंग ने आतंकवाद, कारोबार पर की बातचीत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के पहले दिन पांच घंटे से अधिक समय तक खुले एवं खुशनुमा माहौल में बातचीत हुई

मोदी-जिनपिंग ने आतंकवाद, कारोबार पर की बातचीत
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चेन्नई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के पहले दिन पांच घंटे से अधिक समय तक खुले एवं खुशनुमा माहौल में बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने भारत और चीन की जनता के बीच ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक संबंधों के तारों को मजबूत करने के साथ ही व्यापार असंतुलन और आतंकवाद एवं मजहबी कट्टरपन को दूर करने के लिए मिल कर काम करने की जरूरत स्वीकार की।

विदेश सचिव विजय गोखले ने शुक्रवार को देर रात संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। श्री गोखले ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच पांच घंटे से अधिक समय तक खुले एवं सौहाद्रपूर्ण माहौल में सार्थक बातचीत हुई। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम को छोड़ कर पूरे वक्त केवल दोनों के बीच विचार विमर्श हुआ।

उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने राष्ट्रीय विज़न, सरकार की प्राथमिकताओं, आर्थिक विकास के लक्ष्य आदि के बारे में बताया जबकि श्री शी जिनपिंग ने श्री मोदी की चुनावी विजय को उनकी लोकप्रियता का प्रमाण बताते हुए उनके साथ अगले साढ़े चार वर्ष तक निकटता से काम करने की इच्छा का इजहार किया।

श्री गोखले के अनुसार निवेश एवं कारोबार मात्रा एवं मूल्य दोनों प्रकार से बढ़ाने तथा व्यापारिक असंतुलन को दूर करने के बारे में बातचीत हुई। उन्होेंने बताया कि बैठक में श्री मोदी ने आतंकवाद को मानवता के लिए चुनौती बताया गया और इससे मिलकर मुकाबले की बात कही। चीनी राष्ट्रपति ने इस मुद्दे की जटिलता की ओर इशारा किया और कहा कि मजहबी कट्टरता दोनों देशों के विविधतापूर्ण समाज के लिए चुनौती है।

विदेश सचिव ने बताया कि कल दोनों नेताओं के बीच मुख्यत: अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा होगी। उल्लेखनीय है कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से श्री मोदी की श्री जिनपिंग के साथ 17 बैठकें हो चुकीं हैं।

उन्होंने बताया कि चीनी राष्ट्रपति ने हवाईअड्डे पर भव्य स्वागत और उनके विश्राम के लिए शानदार इंतजाम के लिए धन्यवाद कहा। श्री मोदी ने उन्हें तीन विश्व धरोहर स्थलों का भ्रमण कराया और इस शहर से चीन के फुचियान प्रांत के संपर्क के इतिहास के बारे में चर्चा की। दोनों नेताओं ने इस संबंध को दोनों देशों के लोगों के बीच प्रचारित किये जाने पर भी बल दिया। श्री मोदी ने फुचियान में एक हिन्दू मंदिर के पुरावशेष मिलने का उल्लेख किया तो चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी है।


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