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मोदी जी देशभक्त और देशद्रोही में फर्क नहीं पहचान पाए: प्रियंका गांधी

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री अमेरिका, चीन और पाकिस्तान जा सकते हैं, लेकिन दिल्ली में बैठे किसानों से नहीं मिल सकते हैं

मोदी जी देशभक्त और देशद्रोही में फर्क नहीं पहचान पाए: प्रियंका गांधी
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बिजनौर। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री अमेरिका, चीन और पाकिस्तान जा सकते हैं, लेकिन दिल्ली में बैठे किसानों से नहीं मिल सकते हैं। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी सोमवार को बिजनौर में किसान पंचायत को संबोधित कर रही थी। उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला बोला और पूछा मोदी सरकार में क्या किसानों की आय दोगुनी हुई।

उन्होंने कहा कि मोदी ने किसानों का मजाक उड़ाया और उन्हें आंदोलनजीवी और परजीवी बताया। मोदी जी देशभक्त और देशद्रोही में फर्क नहीं पहचान पाए। मोदी अमेरिका, चीन और पाकिस्तान जा सकते हैं, लेकिन दिल्ली में बैठे किसानों से नहीं मिल सकते हैं।

प्रियंका गांधी ने कृषि कानूनों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। लगभग आधे घंटे के भाषण के दौरान प्रियंका वाड्रा नरेंद्र मोदी और कृषि कानून के इर्द-गिर्द घूमती रहीं। उन्होंने किसानों से बात करते हुए कहा कि जनता ने मोदी को दो-दो बार क्यों पीएम बनाया। प्रियंका ने कहा लोगों के मन में भरोसा रहा होगा कि वो आपके लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा पहली बार मोदी की सरकार आई तो बड़ी बड़ी बातें हुईं।

प्रियंका गांधी ने यहां सवाल किया कि, "2017 से यहां गन्ने का मूल्य ही नहीं बढ़ा है। मोदी ने किसानों का बकाया पूरा नहीं किया, लेकिन अपने लिए 16 हजार करोड़ में हवाई जहाज खरीद लिया है। मोदी सरकार जो नए कानून लाई है, उससे उद्योगपति जमाखोरी कर सकते हैं।"

बिजनौर के चांदपुर में किसानों को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा कि, "ये तीनों कृषि कानून किसानों के लिए नहीं खरबपतियों के लिए लागू किए गए हैं। किसान 80 दिनों से ठंड में दिल्ली बार्डर पर बैठे हुए हैं। साथ ही गर्मी का सामना कर रहे हैं, लेकिन मोदी कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है। प्रधानमंत्री को पहले चुनाव में लोगों ने भरोसा करके जिताया, लेकिन प्रधानमंत्री ने भरोसा तोड़ा है। दूसरे चुनाव में रोजगार देने का वादा किया, लेकिन लोगों को अभी तक रोजगार नहीं मिला।"

वाड्रा ने कहा जब किसान ही मना कर रहा तो फिर क्यों कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रहे हैं। जमाखोरी पर जवाहरलाल नेहरु ने कानून बनाया था। लेकिन अब फिर जमाखोरी होने लगी है। जमाखोरी हो रही है, इसे लेकर कोई रोक नहीं है।

उन्होंने तीनों कानूनों पर स्थिति साफ करते हुए बताया कि, "पहले कानून से जमाखोरी बढ़ेगी। दूसरे कानून से बड़े-बड़े उद्योगपतियों की जेबे भरेंगी। सरकारी मंडियां बंद होंगी। प्राइवेट मंडियों को बढ़ावा मिलेगा। इससे आपका समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा। तीसरे कानून से कांट्रैक्ट के तहत किसानों की फसल को वो खरीदेंगे। इसमें खास बात है कि आगे चलकर कांट्रैक्ट करने वाले आपका गन्ना नहीं लेगे। जिसके बाद किसान वेबस हो जाएगा। यह तीनों कानून पूजीपतियों के लिए बनाए गए हैं।"


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