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आंदोलनजीवी बताकर मोदी ने किया अपमान : किसान मोर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सोमवार को राज्यसभा में दिए गए बयान पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि उन्होंने आंदोलनजीवी बताकर किसानों का अपमान किया है

आंदोलनजीवी बताकर मोदी ने किया अपमान : किसान मोर्चा
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सोनीपत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सोमवार को राज्यसभा में दिए गए बयान पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि उन्होंने आंदोलनजीवी बताकर किसानों का अपमान किया है। असलियत यह है कि सरकार का हठ किसान को आंदोलनजीवी बना रहा है।

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से प्रवक्ता डा. दर्शनपाल ने आज शाम कुंडली बॉर्डर पर बातचीत में कहा कि बाहरी शासकों से देश को उनके पूवर्जों ने मुक्त कराया था। ऐसे में किसान को आंदोलनजीवी होने पर गर्व है। मगर प्रधानमंत्री का आंदोलनजीवी कहने का अंदाज सही नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार अब भी किसानों की मांगों को स्वीकार करती है, तो किसान वापस जाकर पूरी मेहनत से खेती करने के लिए अधिक खुश होंगे। यह सरकार का अड़ियल रवैया ही है, जिसके कारण ये आंदोलन लंबा हो रहा है, जो कि आंदोलनजीवी पैदा कर रहा है।

एमएसपी पर मोर्चा ने कहा कि खाली बयानों से किसानों को किसी तरह से फायदा नहीं होगा। इससे पहले भी इस तरह के अर्थहीन बयान दिए गए थे। किसानों को वास्तविकता में और समान रूप से टिकाऊ तरीके से तभी लाभ होगा, जब सभी फसलों के लिए केंद्र सरकार एमएसपी को ख़रीद समेत कानूनी गारंटी दे। मोर्चा ने कहा कि वह एफडीआई का पहले से विरोध करते रहे हैं। पीएम मोदी का एफडीआई दृष्टिकोण देश के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि ये अफसोस की बात है कि सरकार किसान संगठनों को बिजली बिल वापस लेने का आश्वासन देने के बावजूद संशोधन विधेयक संसद में पेश कर रही है।

डा. दर्शनपाल ने कहा कि वह भी बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार की ओर से इसके लिए अधिकारिक तौर पर न्योता आना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह अपनी मांग सरकार के पास पहले ही रख चुके हैं और उनकी तरफ से बातचीत का प्रस्ताव तैयार है। अब सरकार को बातचीत के लिए बुलाना चाहिए। उन्होंने कभी बातचीत का रास्ता बंद नहीं किया। सरकार ने जब भी बुलाया, वह बातचीत के लिए गए, आगे भी जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी मुख्य मांगें आज भी वही हैं।


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