मोदी ने केएसएस संस्कृत पाठशाला और छात्रावास का किया उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम को कर्नाटक में केएसएस संस्कृत पाठशाला और छात्रावास भवन का उद्घाटन और मैसूर के सुत्तुरु मठ में पुस्तकों का विमोचन किया

मैसूर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम को कर्नाटक में केएसएस संस्कृत पाठशाला और छात्रावास भवन का उद्घाटन और मैसूर के सुत्तुरु मठ में पुस्तकों का विमोचन किया।
श्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ के तहत स्थानीय भाषाओं में अध्ययन के विकल्प दिए जा रहे हैं। इसी सहजता से हमारी नई पीढ़ी को आगे बढ़ने का अवसर मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आज ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ का उदाहरण हमारे सामने है। शिक्षा हमारे से भारत के लिए सहज स्वभाव रही है। इसी सहजता के साथ हमारी नई पीढ़ी को आगे बढ़ने का अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई के विकल्प दिये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “ मैं मैसूर की अधिष्ठात्री देवी माता चामुंडेश्वरी को प्रणाम करता हूं। ये माँ की कृपा ही है कि आज मुझे मैसूर आने का सौभाग्य मिला, मैसूर के विकास के लिए कई बड़े कार्यों के लोकार्पण का अवसर भी मिला। और अब, मैं यहाँ आप सब संतों के बीच इस पुण्य कार्यक्रम में उपस्थित हूँ।”
उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि ज्ञान के समान पवित्र कुछ और नहीं है, ज्ञान का कोई और विकल्प नहीं है। और इसलिए, हमारे ऋषियों, मनीषियों ने भारत को उस चेतना के साथ गढ़ा- जो ज्ञान से प्रेरित है, विज्ञान से विभूषित है। जो बोध से बढ़ती है, और शोध से सशक्त होती है युग बदले, समय बदला, भारत ने समय के अनेक तूफानों का सामना किया।
उन्होंने कहा लेकिन, जब भारत की चेतना क्षीण हुई, तो देश के कोने-कोने में संतों-ऋषियों ने पूरे भारत को मथकर देश की आत्मा को पुनर्जीवित कर दिया।
उन्होंने कहा कि भगवान बसवेश्वर ने हमारे समाज को जो ऊर्जा दी थी, उन्होंने लोकतंत्र, शिक्षा और समानता के जो आदर्श स्थापित किए थे, वो आज भी भारत की बुनियाद में हैं।


