मोदी ने कोरोना को एक माह में हराने का मार्गदर्शन किया, देश करेगा पालन : जावड़ेकर
प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि एक महीने के अंदर कोरोना को हराना है इसलिए रमजान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ईद आने तक हम इसको हराएंगे।

नयी दिल्ली। सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कोरोना को एक माह के अंदर हराने के लिए इस लड़ाई में पुन: संकल्पबद्ध होने के लिए मार्गदर्शन किया है और देश निश्चित रूप से उसका पालन करेगा।
श्री जावड़ेकर ने मन की बात कार्यक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आज कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में पूरे देश के साथ संवाद करके विश्वास दिलाया कि हम सब मिलकर अनुशासन का पालन करेंगे, परस्पर दो गज की दूरी बनाये रखेंगे, मास्क पहनेंगे और घर में ज्यादा से ज्यादा रहेंगे तो इसका परिणाम यह होगा कि हम कोरोना को हराएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि एक महीने के अंदर कोरोना को हराना है इसलिए रमजान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ईद आने तक हम इसको हराएंगे। आज संत बसवेश्वर जयंती है, अक्षय तृतीया है, जयंत तीर्थंकर मुनि का महत्वपूर्ण दिवस है, ईस्टर थोड़े दिन पहले गया। प्रधानमंत्री ने इन सबका भी उल्लेख कि टीम भावना से कैसे कोरोना वारियर्स लड़ रहे हैं, उनके पीछे समाज कैसे खड़ा है, किसी को भूखे नहीं सोना पड़ रहा है, यह समाज का जो रूप दिखा है यह बहुत महत्वपूर्ण है और उसके बारे में उन्होंने विकृति, प्रकृति और संस्कृति इसकी बात करके उसको समझाया।
श्री जावड़ेकर ने कहा कि श्री मोदी ने बताया है कि भारत में जो दिखाई दे रही है वह संस्कृति है, लोग अपने साथ दूसरे के सुख का भी विचार कर रहे है। थूकने के बारे में भी उन्होंने कहा कि इधर उधर खुले में थूकना नहीं है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है आज का जो संकट है कोरोना का उस पर प्रभावी रूप से फिर से संकल्पबद्ध एवं प्रतिबद्ध होने के लिए श्री मोदी ने जो आवश्यक मार्गदर्शन दिया है जो देश को निश्चित रूप से भाया है और देश उसी रास्ते पर चलेगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के सारे कामकाज लगभग शुरू हो गए है। किसान ही अन्नदान करता है, अन्नदाता है। आज राशन पहुंचाने के साथ लाखो लोगों को भोजन देना पड़ता है वह जरुरत समाज पूरा कर रहा है। इसका भी उन्होंने उल्लेख किया और इसकी प्रशंसा भी की कि लोग खुद रहकर आगे बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे है और काम कर रहे है।


