मोदी सरकार का शपथ ग्रहण आज, अनुभव एवं नवीनता का मिश्रण होगी तीसरी मंत्रिपरिषद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीसरी मंत्रिपरिषद में गठबंधन के सहयोगी दलों के 20 से अधिक नए चेहरे नवीनता का तत्व लायेंगे

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीसरी मंत्रिपरिषद में गठबंधन के सहयोगी दलों के 20 से अधिक नए चेहरे नवीनता का तत्व लायेंगे, वहीं महत्वपूर्ण मंत्रालयों में पुराने अनुभवी चेहरे सरकार के संचालन की रफ्तार को सुचारु रूप से बढ़ा रहे होंगे। जानकार सूत्रों के अनुसार श्री मोदी एवं उनकी मंत्रिपरिषद के 40 से अधिक सदस्य रविवार को शाम करीब सवा सात बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ लेंगे। उनके साथ संसद में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के 20 से अधिक सदस्य भी मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं राज्य मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे।
रिपोर्टों के अनुसार राजग के सबसे बड़े घटक तेलुगू देशम पार्टी को मंत्रिमंडल में तीन स्थान एवं जनता दल यूनाइटेड को दो स्थान मिल सकते हैं। बाकी दलों को एक-एक स्थान दिये जाने की चर्चा है। ऐसी स्थिति में अनुभव एवं नवीनता दोनों का सामन्जस्य श्री मोदी के मंत्रिमंडल में दिखायी देने की संभावना है। भाजपा के नये चेहरों में मध्य प्रदेश, केरल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक के कुछ पुराने अनुभवी चेहरे भी होंगे।
गृह, रक्षा, वित्त, विदेश, रेलवे, सड़क परिवहन, सूचना एवं प्रसारण, नागरिक उड्डयन जैसे मंत्रालय भारतीय जनता पार्टी के पुराने बड़े चेहरों के पास ही रहने की संभावना है, जबकि सूचना प्रौद्योगिकी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिकता, कृषि, ग्रामीण विकास, भारी उद्योग, उद्योग एवं वाणिज्य आदि में भाजपा एवं सहयोगी दलों के नए चेहरे दिखेंगे। यह भी संभव है कि बड़े मंत्रालयों में पुराने कैबिनेट मंत्रियों के साथ सहयोगी दलों के राज्य मंत्री भी दिखाई दें।
शपथ लेने से पहले युद्ध स्मारक, राजघाट गए
प्रधानमंत्री मनोनीत नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की समाधि सदैव अटल तथा महात्मा गांधी की समाधि राजघाट जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्री मोदी इसके बाद श्री वाजपेई की समाधि सदैव अटल गए और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
वह इंडिया गेट स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक भी गए और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह , रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के शीर्ष अधिकारी भी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर मौजूद थे।


