मोदी सरकार का 'छठा बजट' विश्वासघात का दस्तावेज : प्रमोद तिवारी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने यहां रविवार को कहा कि मोदी सरकार का बजट भारत की जनता के साथ विशेषरूप से बेरोजगार नौजवानों, किसानों और महिलाओं के साथ विश्वासघात का दस्तावेज है

लखनऊ। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने यहां रविवार को कहा कि मोदी सरकार का बजट भारत की जनता के साथ विशेषरूप से बेरोजगार नौजवानों, किसानों और महिलाओं के साथ विश्वासघात का दस्तावेज है।
उन्होंने राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष पी.सी. मोहनन की बातों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले 45 साल में बेरोजगारी अपने चरम पर है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का बजट श्रृंखलाबद्ध धोखे और विश्वासघात से भरा हुआ 'मोदीकांड' का अंतिम अध्याय है, जो झूठे वायदों से शुरू होकर धोखे पर खत्म होता है।
तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों को 6000 रुपये प्रतिवर्ष देने के नाम पर एक और धोखा दिया है 6000 रुपये सालाना, यानी 500 रुपये महीना, अर्थात 17 रुपये रोजाना, यदि परिवार में 5- 6 व्यक्ति हैं तो प्रतिदिन, प्रति व्यक्ति तीन रुपये से भी कम।
उन्होंने कहा कि आज शिक्षा-दीक्षा तो दूर की बात है तीन रुपये से कम में क्या दो वक्त की रोटी भी मिल सकती है? यही नहीं खाद, बीज और बिजली के दाम कई गुना अधिक बढ़ा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने यूरिया खाद की बोरी 50 किलो की जगह 45 किलो की कर दी गयी। यानि प्रत्येक बोरी से 5 किलो खाद की चोरी की गई है, यही मोदी बजट की असलियत है।
तिवारी ने कहा कि लेखानुदान के नाम पर लेखानुदान की जगह संवैधानिक परम्पराओं को तोड़कर 'छठा बजट' प्रस्तुत कर दिया, फिर भी 2014 मे किया गया कोई वायदा नहीं निभाया गया है। पूरे बजट में छुट्टा जानवरों से किसानों की नष्ट होती फसल के लिये मुआवजे का नामो निशान तक नहीं है।
तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार ने 5 साल तो कुछ नहीं किया, जाते- जाते अपने अधिकार क्षेत्र से आगे जाकर आयकर की सीमा 2.50 लाख से बढ़ाकर 5.00 लाख कर दिया। अब वेतन भोगी कर्मचारियों की समझ में यह सच्चाई आ गई है कि जब मोदी सरकार का कार्यकाल ही मई, 2019 तक है और 2020 में आयकर चुकाने के लिए 5 लाख की छूट तो तभी मिलेगी, जब नई गठित सरकार 2019-2020 का बजट पेश करेगी, और उसमें इसको पारित कराएगी, अन्यथा ये मात्र जुमलेबाजी ही बनकर रह जाएगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का वायदा है कि "हमारी सरकार बनने पर हम इसके 5 लाख रुपये की सीमा को और अधिक बढ़ाएंगे तथा वेतनभोगी और टैक्स चुकाने वालों को बड़ी राहत देंगे।"


