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सरकारी संस्थानों को बचाने के लिए पैसा लुटाने का काम कर रही है मोदी सरकार:कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा कि लाभ में चलने वाली कंपनियों का दिवालिया हो रहे संस्थानों के लिए इस्तेमाल करना मोदी प्रशासन का तरीका बन गया है

सरकारी संस्थानों को बचाने के लिए पैसा लुटाने का काम कर रही है मोदी सरकार:कांग्रेस
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नयी दिल्ली। कांग्रेस ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी इन्फ्रास्ट्रकचर लीजिंग एंड फाइनेशियल सर्विस (आईएलएंडआईएफ) को 91 हजार करोड़ रुपए के कर्ज से बचाने के लिए देश के 38 करोड़ जीवन बीमा धारकों की कमाई का इस्तेमाल करने का सरकार पर आरोप लगाया और कहा कि लाभ में चलने वाली कंपनियों का दिवालिया हो रहे संस्थानों के लिए इस्तेमाल करना मोदी प्रशासन का तरीका बन गया है।

कांग्रेस प्रवक्ता प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने आज यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि घाटे में चलने वाले सरकारी संस्थानों को बचाने के लिए लाभकारी संस्थानों का पैसा लुटाना अनुचित है लेकिन मोदी सरकार लगातार यही काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि पहले गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कारपोरेशन (जीएसपीसी) को बचाने के लिए तेल क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी का इस्तेमाल किया गया। फिर सार्वजनिक क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक को घाटे से बचाने के लिए एलआईसी का इस्तेमाल किया गया और अब आईएलएंडआईएफ को बचाने के लिए फिर एलआईसी से साढ़े सात हजार करोड़ रुपए की निधि दिलायी जा रही है।

प्रवक्ता ने कहा कि आईएलएंडआईएफ अचानक घाटे में नहीं आयी बल्कि वह पिछले चार साल से लगातार घाटे में चल रही थी और इस दौरान हर माह उसे करीब 900 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा था। इस अवधि में इस कंपनी को बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए जबकि कंपनी के निदेशक मंडल में एलआईसी तथा एसबीआई जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल थे। उन्होंने कहा कि एलआईसी तथा एसबीआई के लोग निदेशक मंडल में बैठकर क्या कर रहे थे,
उनकी भूमिका की जांच होनी चाहिए।


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