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मोदी सरकार डिजिटल इंडिया के नाम पर संगठित वसूली कर रही : कांग्रेस

 कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार डिजिटल इंडिया के नाम पर देश के आम जनमानस से विभिन्न लेन-देन शुल्कों के जरिये हजारों करोड़ रुपये की संगठित वसूली और ‘कानूनी लूट-खसोट’ कर रही है।

मोदी सरकार डिजिटल इंडिया के नाम पर संगठित वसूली कर रही : कांग्रेस
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नयी दिल्ली। कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि गरीबों की दुहाई देने वाली मोदी सरकार डिजिटल इंडिया के नाम पर देश के आम जनमानस से विभिन्न लेन-देन शुल्कों के जरिये हजारों करोड़ रुपये की संगठित वसूली और ‘कानूनी लूट-खसोट’ कर रही है।

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मोदी सरकार ने पहले नोटबंदी के निर्णय से आम आदमी की कमर तोड़ी और अब डिजिटल इंडिया के नाम पर बैंकों में लेन-देन पर कई तरह के ‘मोदी शुल्क’ लगाये हैं जिनका उद्देश्य आम और गरीब आदमी की जेब से पैसा निकालना है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस मांग करती है कि सरकार इन शुल्कों को वापस लेकर लोगों से डिजिटल इंडिया के नाम पर की जा रही वसूली को बंद कराये। कांग्रेस नेता ने कहा कि नोटबंदी से पहले देश में लगभग 10 फीसदी लोग ही डिजिटल लेन-देन करते थे और मोदी सरकार ने 2017 के लिए यह लक्ष्य 30 फीसदी रखा है ।

एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2017 में 170 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन होने की संभावना है जिसका 30 फीसदी 51 लाख करोड़ होता है। उन्होंने कहा कि यदि इस राशि पर 0.05 फीसदी शुल्क वसूला जाता है तो यह राशि 26 हजार करोड़ रुपये होती है।

इस तरह सरकार गरीब और आम लोगों से 26 हजार करोड़ का शुल्क वसूलेगी जो हर साल बढ़ता जायेगा। उन्होंने कहा कि बैंकों ने एक अप्रैल से पांच तरह के ‘मोदी शुल्क’ वसूलने की घोषणा की है जिनमें से कुछ तो अभी भी वसूले जा रहे हैं। इनमें बचत खाते में न्यूनतम राशि न रखने पर शुल्क , एटीएम से निर्धारित से अधिक बार राशि निकालने पर शुल्क, मर्चेन्ट डिस्काउंट रेट शुल्क, आनलाइन ट्रांजेक्शन शुल्क,ओवर द काउंटर शुल्क आदि शामिल हैं। सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस मांग करती है कि बैंकों के माध्यम से लगाये गये इन शुल्कों के जरिये गरीब और आम आदमी की जेब से की जा रही इस कानूनी लूट को बंद किया जाये।


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