मोदी सरकार ने जीएसटी की मूल अवधारणा को समाप्त कर दिया: विपक्ष
विपक्ष ने वस्तु एवं सेवाकर विधेयक (जीएसटी) को ‘एक देश एक कर’ की अच्छी पहल बताया, लेकिन आरोप भी लगाया कि मोदी सरकार ने इसकी मूल अवधारणा को समाप्त कर दिया

नयी दिल्ली। विपक्ष ने वस्तु एवं सेवाकर विधेयक (जीएसटी) को ‘एक देश एक कर’ की अच्छी पहल बताया, लेकिन आरोप भी लगाया कि मोदी सरकार ने इसकी मूल अवधारणा को समाप्त कर दिया। सरकार ने इसे गलत तरीके से लागू किया है, जिसके कारण कारोबारियों को भारी दिक्क्त हो रही है।
लोकसभा में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्रीय वस्तु और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2018 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि जीएसटी कांग्रेस की अवधारणा है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने इसे स्वस्थ कर प्रणाली के रूप में तैयार किया था, लेकिन मोदी सरकार ने इसकी मूल अवधारणा को ही ध्वस्त कर इसे लागू किया है, जिसके कारण कारोबारियों को भारी दिक्कत हो रही है।
उन्होंने सरकार पर जीएसटी के गलत क्रियान्वयन का आरोप लगाते हुए कहा कि हर कानून अच्छा है, लेकिन जब कानून लागू करने वाले लोग अच्छे नहीं हों तो दिक्कतें आनी शुरू हो जाती है। जीएसटी से उद्योगों तथा गरीबों को फायदा होना था, लेकिन जो जीएसटी मोदी सरकार ने लागू किया है, उससे गरीब और उद्यमी परेशान हैं। जीएसटी के कारण तमिलनाडु में उद्योग बंद हो गये हैं और पांच लाख लोग बेकार हो गए हैं।
इससे पहले विधेयक पेश करते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जीएसटी को सरल तथा इसकी प्रक्रिया को बहुत आसान बनाया जा रहा है और इसमें संघीय ढांचे के अनुकूल जरूरी सुधार किये जा रहे हैं। एक साल के दौरान जीएसटी परिषद ने 186 वस्तुओं तथा 99 सेवाओं को पूरी तरह से जीएसटी-मुक्त किया है। इस अवधि में 384 वस्तुओं तथा 68 सेवाओं की दरों में कमी लायी गयी है।


