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फिर टल गया मंत्रिमंडल विस्तार

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के तीसरे वर्ष में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं जोरों पर है। इस वक्त इन चर्चाओं की वजह आगामी विधानसभा चुनाव हैं, जिनमें भाजपा अपने लिए राजनैतिक समीकरण तलाश रही है। इन समीकरणों को मंत्रिमंडल विस्तार से साधा जा सकता है। आज शाम पीएम मोदी की वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक थी, तो मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था।

फिर टल गया मंत्रिमंडल विस्तार
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लेकिन अब खबर है कि मंगलवार शाम को पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से बुलाई गई मीटिंग रद्द हो गई है। सूत्रों के मुताबिक शाम 5 बजे होने वाली इस मीटिंग में मंत्रियों के कामकाज और भविष्य की योजनाओं को लेकर उनकी ओर से पेश किए गए खाके पर भी चर्चा होने वाली थी। माना जा रहा था कि इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई अन्य केंद्रीय मंत्री जैसे धर्मेंद्र प्रधान, प्रहलाद जोशी, पीयूष गोयल और नरेंद्र सिंह तोमर हिस्सा लेने वाले थे। इससे पहले 20 जून को भी ऐसी ही एक बैठर में पीएम मोदी ने 2019 से लेकर 2021 तक सरकार के कामकाज को लेकर बात की थी और मंत्रियों का फीडबैक भी लिया था। केंद्रीय कैबिनेट में कुल 79 मंत्री हो सकते हैं, जिनमें से फिलहाल 53 ही हैं। इस तरह से 26 नए मंत्रियों के लिए पद खाली हैं।
आपको बता दें मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में यह पहला मौका है, जब कैबिनेट विस्तार की चर्चा चल रही है। इसकी वजह अगले साल 5 राज्यों में होने वाले चुनावों को भी माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी चाहती है कि इस विस्तार में क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन को साधा जा सके। खासतौर पर उत्तर प्रदेश, हिमाचल जैसे राज्यों को लेकर पार्टी चिंतित है। वर्तमान मंत्रिमंडल में 9 मंत्री ऐसे हैं, जिनके पास एक से अध‍िक विभाग हैं. इनमें प्रकाश जावड़ेकर, डॉक्टर हर्षवर्धन, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, नरेंद्र सिंह तोमर, नितिन गडकरी, रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी और हरदीप सिंह पुरी के नाम शामिल हैं। मुमकिन है, इन मंत्रियों से कुछ मंत्रालय लेकर नए चेहरों को जगह दी जा सकती है ।


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