मध्यम वर्ग को मायूसी गरीब-किसानों को मरहम
मोदी सरकार ने बजट में गरीबों, किसानों और छोटे तथा मध्यम उद्योगों के लिए सौगातों का पिटारा खोलते हुए मध्यम वर्ग, विशेष रूप से वेतनभोगियों और निवेशकों को निराश कर उन पर कर का बोझ बढ़ा दिया

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने बजट में गरीबों, किसानों और छोटे तथा मध्यम उद्योगों के लिए सौगातों का पिटारा खोलते हुए मध्यम वर्ग, विशेष रूप से वेतनभोगियों और निवेशकों को निराश कर उन पर कर का बोझ बढ़ा दिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में 2018-19 का आम बजट पेश किया। इसमें आगामी खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना करने, उज्ज्वला योजना के लिए मुफ्त गैस कनेक्शन का लक्ष्य बढ़ाकर आठ करोड़ करने तथा विश्व की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों (करीब 50 करोड़ लोगों) को प्रति परिवार पांच लाख रुपए सालाना चिकित्सा कवर देने की घोषणा की गई है। किसानों को आगामी वित्त वर्ष में ऋण देने की राशि बढ़ाकर 11 लाख करोड़ रुपए करने का लक्ष्य रखा गया है।
सौभाग्य योजना के तहत 16 हजार करोड़ रुपए से चार करोड़ गरीबों के घरों को बिजली के कनेक्शन देने और आगामी वित्त वर्ष में '2022 तक अपना घर' कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 51 लाख मकान बनाने की भी घोषणा की गई। वहीं करों में राहत की उम्मीद लगाए वेतन भोगियों को बजट से निराशा हाथ लगी। सरकार ने निजी आयकर स्लैब में कोई बदलाव न करते हुए शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए उपकर तीन से बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दिया। स्वास्थ्य और परिवहन खर्च के लिए 40 हजार रुपए की मानक छूट का प्रावधान किया गया है। वरिष्ठ नागरिकों को राहत देते हुए उनकी ब्याज से होने वाली कर मुक्त आय की सीमा 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 15 हजार रुपए कर दी गई है।
इक्विटी बाजार में निवेशकों को भी सरकार ने झटका दिया है। एक लाख रुपए से ज्यादा दीर्घावधि पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री ने 70 लाख नए रोजगार मुहैया कराने की भी घोषणा की और बजट में रेल तथा सड़क क्षेत्र के लिए अब तक का सबसे बड़ा आबंटन किया है।
किसानों के लिए 11 लाख करोड़
जेटली ने इस बजट में कृषि क्षेत्र और किसानों के लिए कई बड़ी सौगातें दी हैं। आम बजट 2018 में किसान कर्ज के लिए 11 लाख करोड़ का फंड बनाने की बात की गई है। जेटली ने भाषण में कहा कि सरकार किसानों की आमदनी को दोगुना करने की कोशिश कर रही है। सरकार का पूरा फोकस गांवों पर ही रहेगा। साल 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी की जीएगी। साथ ही 22 हजार हाज कृषि बाजार के तौर पर बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 27.5 करोड़ टन अनाज का उत्पादन हुआ।


