4जी के लिए शहर में 165 स्थानों पर लगाए जाएंगे मोबाइल टावर
टू-जी, थ्री-जी के बाद अब फोर-जी नेटवर्क का चलन बढ़ता जा रहा है
नोएडा। टू-जी, थ्री-जी के बाद अब फोर-जी नेटवर्क का चलन बढ़ता जा रहा है। लेकिन शहर में अब भी कई स्थानों पर फोर-जी नेटवर्क में समस्या है। अधिकांश समस्या शहर के औद्योगिक, व्यवसायिक व संस्थागत सेक्टरों में है।
प्राधिकरण की पहल यदि रंग लाई तो जल्द ही मोबाइल में फुल नेटवर्क आने लगेगा। इसके लिए 165 स्थानों को चिन्हित किया है। जहा जीबीएम मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। टावर लगाने के लिए सिर्फ कंपनी आवेदन कर सकती है जो टेलिकॉम कंपनी से प्रमाणित है।
साथ ही प्राधिकरण के संसोधित टावर नीति के नियमों का पालन कर सके। शहर में फोर जी नेटवर्क में समस्या है। वहीं, कई ऐसे स्थान है जहा लोगों के मोबाइल में नेटवर्क ही नहीं आता। खासकर ऐसे स्थान जहां पर नई बिल्डिंगों का निर्माण किया गया है। लिहाजा भविष्य में टेलीकॉम संबंधी कोई समस्या न हो लिहाजा प्राधिकरण ने 165 स्थानों पर मोबाइल टावर लगाने के लिए कंपनियों से आवेदन मांगे है।
हालांकि इसके लिए कंपनियों को काफी पापड़ बेलने पड़ सकते है। कंपनियों को प्राधिकरण के सख्त नियमावली का पालन करना होगा। जिसके तहत शहर में ग्रीन बेल्ट, सामुदायिक केंद्र, शापिंग सेंटर, अस्पताल, नर्सिंग होम, आवासय सेक्टर, औद्योगिक व संस्थागत व व्यवसायिक सेक्टर जहा टावरों से निकलने वाले रेडिएशन का असर लोगों पर पड़े वहां टावर नहीं लगा सकते है।
इसके इतर स्थानों को चिन्हित किया गया है। ऐसे में प्राधिकरण द्वार चिन्हित स्थानों पर ही मोबाइल कंपनी टावर लगा सकती है। वहीं, टावर स्थापिक करने के लिए कंपनी को एक लाख रुपए आवेदन के साथ प्राधिकरण खाते में जमा करने होंगे।
यदि एक टावर का प्रयोग एक से अधिक कंपनी करती है तो उसे 50 हजार रुपए अतरिक्त देना होगा। साथ ही महज 25 वर्गमीटर से ज्यादा जमीन टावर लगाने के लिए नहीं दी जाएगी। प्राधिकरण अधिकारियों की माने तो जो कंपनी जिस स्थान के लिए पहले आवेदन करेगी उसे प्राथमिकता के तौर पर स्थान दिया जाएगा।
निति के तहत किसी की कंपनी को ऊपर या नीचे नहीं रखा जाएगा। अच्छी बात यह है कि इस निति से जहॉं शहर के लोगों को मोबाइल नेटवर्क मिलेगा वहीं, प्राधिकरण के राजस्व में बढ़ोतरी होगी।


