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चीनी मोबाइल कंपनी वीवो पर ईडी ने कार्रवाई क्यों की?

चीनी कंपनी वीवो पर ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि कंपनी ने टैक्स देने से बचने के लिए बड़ी रकम चीन भेजी.

चीनी मोबाइल कंपनी वीवो पर ईडी ने कार्रवाई क्यों की?
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को कहा कि उसने स्मार्टफोन निर्माता द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर केंद्रित जांच के तहत चीनी स्वामित्व वाली वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के दर्जनों कार्यालयों की तलाशी ली.

ईडी ने एक बयान में कहा उसने वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और इसकी 23 संबद्ध कंपनियों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) से संबंधित देश भर में फैले 48 स्थानों पर तलाशी ली.

प्रवर्तन निदेशालय ने बयान में कहा कि उसने 4.65 अरब रुपये के साथ 119 बैंक खाते जब्त किए हैं. इसके अलावा 2 किलोग्राम सोना और 73 लाख रुपये नकद भी छापेमारी के दौरान जब्त किए गए हैं.

प्रवर्तन निदेशालय देश की वित्तीय अपराध की जांच एजेंसी है. वीवो के खिलाफ पीएमएलए के तहत ईडी कार्रवाई कर रही है. ईडी ने कार्रवाई करते हुए कंपनी के दिल्ली, यूपी और मेघालय जैसे राज्यों में स्थित ठिकानों पर छापे मारे थे.

वीवो मोबाइल्स ने ईडी की छापेमारी पर रॉयटर्स द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब तुरंत नहीं दिए.

वीवो पर कार्रवाई पर क्या बोला चीन

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने मंगलवार को कहा था कि चीन इस मामले पर करीब से नजर रख रहा है. उन्होंने कहा कि चीन सरकार ने हमेशा से चीनी कंपनियों को विदेशों में कारोबार करते समय स्थानीय कानून का पालन करने के लिए कहा है. लिजियान ने कहा, "हम अपने चीनी कंपनियों के कानून सम्मत अधिकार और हितों की रक्षा के लिए पूर्ण रूप से उनका समर्थन करते हैं."

लिजियान ने आगे कहा, "हमें उम्मीद है कि भारत कानून के मुताबिक जांच करेगा और भारत में चीनी उद्यमों के निवेश और संचालन के लिए एक निष्पक्ष, न्यायसंगत और गैर-भेदभावपूर्ण कारोबारी माहौल प्रदान करेगा."

भारतीय एजेंसी दावा कर रही है कि कंपनी ने भारत में टैक्स देने से बचने के लिए बड़ी रकम चीन भेज दी. ईडी का कहना है कि वीवो ने 62,476 रुपये "गैरकानूनी" ढंग से चीन भेज थे.

इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत में काम करने वाली कंपनियों को देश के कानून का पालन करने की जरूरत है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "यहां काम करने वाली कंपनियों को देश के कानून का पालन करने की जरूरत है. हमारे कानूनी अधिकारी देश के कानून के अनुसार कदम उठा रहे हैं."

लंबे समय से लद्दाख क्षेत्र तनाव के कारण चीनी कंपनियों को भारत में व्यापार करने में दिक्कतें पेश आ रही हैं. लद्दाख में चीनी सेना और भारतीय सेना में हिंसक झड़प के बाद भारत ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए 300 से अधिक चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया और भारत में चीनी निवेश पर नियमों को कड़ा किया है.


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