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यात्रियों व रेल चालकों के लिए मोबाइल ऐप तैयार

भारतीय रेल यात्रियों के अनुभव यादगार बनाने के लिए अब देश भर के अलग-अलग सभी जोन्स में किए जा रहे नए प्रयोग और आजमाए जा चुके सफल नुस्खों को देश के सभी स्थानों पर लागू करने की योजना बना रही है

यात्रियों व रेल चालकों के लिए मोबाइल ऐप तैयार
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नई दिल्ली। भारतीय रेल यात्रियों के अनुभव यादगार बनाने के लिए अब देश भर के अलग-अलग सभी जोन्स में किए जा रहे नए प्रयोग और आजमाए जा चुके सफल नुस्खों को देश के सभी स्थानों पर लागू करने की योजना बना रही है।

रेलकर्मियों के फोन नंबर वाली डायरेक्ट्री से लेकर रेल सुविधाओं की ऐप, सेफ्टी, इंजन के रख रखाव, इंजन पायलट को विशेष सुविधाओं और आधुनिक तकनीक से लैस करने, कार्य क्षमता में सुधार, लागत में कमी को इस पूरी योजना में सबसे ऊपर रखा गया है।

रेल मंत्रालय ने ऐसे नुस्खों की जब खोज की तो पता चला कि देश के अलग अलग रेल मंडल में ऐसे 1250 उल्लेखनीय कार्यों में से बेहतरीन दो दर्जन पूरे देश में लागू हो सकते हैं। रेल अधिकारियों के मुताबिक डिजिटल इंटरफेस फॉर स्टेशन हेल्प एन्ड एमनेटी (दिशा) ऐसा ही एक नुस्खा है। इस मोबाइल ऐप को मुंबई मंडल ने तैयार किया है जिसमे सभी रेलवे सुविधाओं की जानकारी दी गई है।

रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पश्चिम रेलवे को ऐसा ही ऐप पूरी भारतीय रेलवे के लिए तैयार करने को कहा जा सकता है। इससे पूरे देश में उपलब्ध रेल सुविधाओं की जानकारी जनता को मोबाइल में ही उपलब्ध हो सकेगी। इसी तर्ज पर पश्चिम रेलवे ने एक फोन डाइरेक्ट्री भी बनाई है और अब रेल मंत्रालय पूरे देश के लिए भी ऐसा ही ऐप बेस्ड डायरेक्ट्री विकसित करने पर विचार कर रहा है।

पश्चिम रेलवे की इस डाइरेक्ट्री में पश्चिम रेलवे के अलावा सेंट्रल रेलवे, रेलवे बोर्ड और मुंबई स्थित पीएसयू में तैनात कर्मियों के नाम, पद खोजे जा सकते हैं। अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक अंग्रेजी हुकूमत के समय से ड्राइवर और गार्ड के लिए बड़े बड़े बक्सों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

अब दक्षिण मध्य रेलवे ने लाइन बॉक्स के स्थान पर कॉमन मिनी लाइन बॉक्स का प्रयोग शुरू किया है। सभी छह मण्डल में गार्ड, पायलट के लिए मिनी लाइन बॉक्स शुरू किए हैं तो वहीं पश्चिम रेलवे ने टूल बॉक्स की शुरुआत की है। इसमें लोको पायलट को आवश्यक टूल के साथ एक लैपटॉप कम्प्यूटर को ट्रॉली बैग के साथ दिया गया है। रेलवे ने इसके बाद ही इस सम्भावना पर काम शुरू कर दिया है कि फिक्स्ड टूल बॉक्स मालगाड़ियों, यात्रीगाड़ियों में लगाए जाएं। इस टेबलेट पीसी में सभी आवश्यक आंकड़ों, जानकारी को रखा जाएगा।

अक्सर इंजन में खराबी के बाद घंटों रेलगाड़ियों के लेट होने के मामलों से निपटने के लिए रेलवे ने अपने इंजन ड्राइवर्स को कहा है कि वह इंडियन रेलवे ई-लोको टीएसडी ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड करें और इंजन की पूरी जानकारी लेकर उसकी समस्या को पहचान कर खराबी दूर कर सकेंगे। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सभी जोन्स जो नुस्खे, नए प्रयोग मिले हैं उससे रेलवे व रेल यात्रियों को लाभ होगा इसीलिए इसे विस्तार दिया जाएगा।



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