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मिजोरम में 1 दशक बाद एमएनएफ की सत्ता में वापसी

मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा में 26 सीटें जीत कर मिजो नेशनल फ्रंट(एमएनएफ) ने मंगलवार को एक दशक बाद यहां सत्ता में वापसी की है

मिजोरम में 1 दशक बाद एमएनएफ की सत्ता में वापसी
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आइजोल। मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा में 26 सीटें जीत कर मिजो नेशनल फ्रंट(एमएनएफ) ने मंगलवार को एक दशक बाद यहां सत्ता में वापसी की है। इसके साथ ही कांग्रेस पूर्वोत्तर में अपना अंतिम गढ़ भी हार गई। 2013 विधानसभा चुनाव में एमएनएफ को केवल पांच सीटें प्राप्त हुई थीं, जबकि कांग्रेस ने यहां 34 सीटों पर जीत दर्ज कराई थी। इस बार सत्तारूढ़ कांग्रेस यहां केवल पांच सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी है।

भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने यहां तुइचावंग सीट पर जीत दर्ज कर राज्य में अपना खाता खोला है।

यहां एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम के तहत यहां के छह स्थानीय दलों के एक फोरम और एनजीओ से पार्टी बने 'द पीपुल्स रिप्रजेंटेशन फॉर आइडेंटिटी एंड स्टेट्स ऑफ मिजोरम(प्रिज्म)' के संगठन जोरम पीपुल्स मूवमेंट(जेपीएम) ने इस चुनाव में आठ सीटों पर जीत दर्ज की है। जेपीएम के उम्मीदवारों ने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा था।

कांग्रेस ने यहां 2008 और 2013 के चुनावों में सत्ता हासिल की थी।

मुख्यमंत्री लल थनहावला को चंपई दक्षिण और सेरछिप दोनों विधानसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें यहां क्रमश: एमएनएफ के टी.जे. लालनुन्टुआंगा और जोराम पीपुल्स मूवमेंट(जेडपीएम) के अध्यक्ष लालदुहोमा से हार का सामना करना पड़ा।

एमएनएफ प्रमुख और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार जोरामथांगा आइजोल पूर्व-1 से पांचवी बार चुने गए हैं। उन्होंने यहां निर्दलीय उम्मीदवार के. सेपदांगा को हराया।

कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे और 28 नवंबर को होने वाले चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए बुद्धा धन चकमा ने चकमा जनजातीय बहुल तुइचवांग सीट पर एमएनएफ के अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार को 1,594 मतों से हराया।

पूर्व आईपीएस अधिकारी और जोराम पीपुल्स मूवमेंट(जेडपीएम) प्रमुख लालदुहोमा ने मुख्यमंत्री थनहावला को सेरछिप में 410 मतों से हराया। लालदुहोमा ने दो वर्ष पहले जेपीएम का गठन करने के लिए कांग्रेस छोड़ दी थी।

प्रसिद्ध आइजोल फुटबॉल क्लब(आइजोल एफसी) के मालिक राबर्ट रोमाविया रोयटे ने भी जीत हासिल की है। वह एमएनएफ के टिकट पर आइजोल ईस्ट-2 सीट से चुनाव लड़ रहे थे।

भाजपा ने पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में खुद के दम या अन्य पार्टियों के सहयोग से सरकार गठन के बाद कांग्रेस को मिजोरम से उखाड़ फेंकने के लिए काफी जोर लगाया था।

भाजपा नीत नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक गठबंधन(एनईडीए) के घटक दल रहे एमएनएफ ने 10 वर्षो (1998-2003 और 2003-2008) तक मिजोरम में राज किया था।

हालांकि इस बार भाजपा और एमएनएफ ने क्रमश: 40 और 39 सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार खड़े किए थे।


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