जेल में बंद विधायक बने 2 कमेटियों के सदस्य
मेघालय में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोपी विधायक जुलियस दोरफांग को विधानसभा की दो समितियों का सदस्य नियुक्त करने का एक महिला समूह ने कड़ा विरोध किया है

शिलांग। मेघालय में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोपी विधायक जुलियस दोरफांग को विधानसभा की दो समितियों का सदस्य नियुक्त करने का एक महिला समूह ने कड़ा विरोध किया है।
14 साल की एक लड़की से दुष्कर्म के मामले में शिलांग जेल में बंद दोरफांग को विशेषाधिकार समिति तथा अधीनस्थ कानून समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है।
मेघालय विधानसभा ने सात जुलाई को विभिन्न समितियों के गठन की अधिसूचना जारी की।
विशेषाधिकार कमेटी के अध्यक्ष विपक्ष के निर्दलीय विधायक सालेंग ए.संगमा ने कहा कि विधानसभा की विभिन्न समितियों का सदस्य नियुक्त करना विधानसभा अध्यक्ष का विशेषाधिकार होता है।
सालेंग ने आईएएनएस से कहा, "यह विधानसभा अध्यक्ष का विशेषाधिकार है। इस बारे में मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी।"
इस संदर्भ में विधानसभा अध्यक्ष अबु ताहेर मंडल से संपर्क नहीं हो सका।
विशेषाधिकार समिति के अन्य सदस्यों में विनरसन डी.संगमा तथा दिक्कांची डी.शिरा (दोनों कांग्रेस) तथा युनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के विधायक पॉल लिंगदोह शामिल हैं।
सत्तारूढ़ कांग्रेस नीत मेघालय युनाइटेड अलायंस सरकार का समर्थन कर रहे दोरफांग को अधीनस्थ कमेटी का भी सदस्य नियुक्त किया गया है, जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक सानबोर शुल्लयी कर रहे हैं।
सिविल सोसायटी वूमेन्स ऑर्गनाइजेशन (सीएसडब्ल्यूओ) ने विधानसभा समितियों के सदस्य के रूप में दोरफांग की नियुक्ति का कड़ा विरोध किया है।
सीएसडब्ल्यूओ की अध्यक्ष एग्नेस खारशिंग ने कहा, "हम इस नियुक्ति का कड़ा विरोध करते हैं..इससे तो यही लगता है कि मेघालय सरकार पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सुनवाई त्वरित करने के बजाय कथित दुष्कर्मी को पुरस्कृत कर रही है।"
इस साल की शुरुआत में मेघालय पुलिस ने मानव तस्करी तथा एक नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के मामले में दोरफांग तथा पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया था।
दोरफांग पर बाल यौन अपराध रोकथाम अधिनियम की धारा 5 (सी)/(1)/6 के तहत एक आरोप-पत्र दाखिल किया गया था।


