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एम.के. स्टालिन ने चुनाव प्रचार में उठाया पुलिस फायरिंग का मुद्दा

तमिलनाडु में विपक्षी पार्टी द्रमुक ने थुथुकुडी में पुलिस फायरिंग को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया है

एम.के. स्टालिन ने चुनाव प्रचार में उठाया पुलिस फायरिंग का मुद्दा
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चेन्नई। तमिलनाडु में विपक्षी पार्टी द्रमुक ने थुथुकुडी में पुलिस फायरिंग को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया है। इस घटना में 13 लोगों की जान चली गई थी। द्रमुक अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उम्मीदवार एम.के. स्टालिन ने सोमवार को थुथुकुडी में अपने चुनाव अभियान के दौरान इस मुद्दे को उठाया।

स्टालिन ने कहा कि थुथुकुडी के लोग आगामी विधानसभा चुनाव में भ्रष्ट और अयोग्य अन्नाद्रमुक को सबक सिखाएंगे।

पिछले साल जून में थुथुकुडी में पिता-पुत्र जयराज और बेनिक्स पर पुलिस की यातना और हिरासत में उनकी मौत को लेकर स्टालिन ने पुलिस की कड़ी आलोचना की।

स्टालिन ने कहा कि अन्नाद्रमुक सरकार के सत्ता संभालने के बाद राज्य की पुलिस बेलगाम हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि एक बार सत्ता में आने के बाद उनकी पार्टी 13 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार और हिरासत में जयराज एवं बेनिक्स की मौत के दोषी लोगों को कानून के कठघरे में खड़ा करेगी।

गौरतलब है कि 22 मई, 2018 को वेदांता की स्टरलाइट कॉपर इकाई को बंद करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस की फायरिंग में 13 लोग मारे गए थे।

अन्नाद्रमुक सरकार के सत्ता संभालने के बाद थुथुकुडी का पर्याप्त विकास नहीं होने के मुद्दे पर भी उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लिया।

उन्होंने कहा कि जब उनकी पार्टी सत्ता में थी तो उन्होंने जिला कलेक्टर कार्यालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जिला अस्पताल और कई अन्य भवनों का निर्माण कराया था। लेकिन, अन्नाद्रमुक सरकार ने बंदरगाह शहर की पूरी तरह से उपेक्षा की।

स्टालिन ने कहा कि अन्नाद्रमुक ने देश में सीएए को लागू करने का समर्थन किया। पार्टी अगर चाहती थी तो वह संसद में विधेयक से दूर रह सकती थी।


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