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एमके स्टालिन ने नीति आयोग की बैठक में ममता बनर्जी का माइक बंद करने की आलोचना की

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का माइक बंद किए जाने की भत्सर्ना की

एमके स्टालिन ने नीति आयोग की बैठक में ममता बनर्जी का माइक बंद करने की आलोचना की
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चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शनिवार को नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का माइक बंद किए जाने की भत्सर्ना की।

स्टालिन ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, "लोकतंत्र में विपक्ष भी अहम अंग है। उनके साथ अनुचित व्यवहार किसी भी मायने में उचित नहीं है।"

मुख्यमंत्री ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में कहा, "क्या यह सहकारी संघवाद है? क्या मुख्यमंत्री के साथ व्यवहार करने का यही तरीका है? केंद्र की भाजपा सरकार को यह समझना चाहिए कि विपक्ष हमारे लोकतंत्र का अभिन्न हिस्सा है और उनके साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। सहकारी संघवाद के लिए संवाद और सबकी राय के सम्मान की जरूरत है।"

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज आरोप लगाया कि दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक में उन्हें बोलने से रोका गया। उनका माइक बीच में ही बंद कर दिया गया।

पश्चिम बंगाल की भाजपा इकाई ने ममता बनर्जी के आरोपों को "नाटक" बताया है। उसने आरोप लगाया कि ममता राजनीतिक फायदा उठाने के लिए यह सब कर रही हैं।

भाजपा के राज्यसभा सदस्य समिक भट्टाचार्य ने कहा, "यह ममता बनर्जी द्वारा तैयार की गई कमजोर पटकथा है। उन्हें बोलने का उचित और पर्याप्त समय दिया गया था, लेकिन उन्होंने पश्चिम बंगाल के लोगों के हितों पर कुठाराघात करते हुए बैठक का बहिष्कार किया, जो किसी भी पहलू से उचित नहीं है। ममता बनर्जी ने खुद को एक विपक्षी नेता के रूप में पेश किया, न की एक प्रशासक के रूप में।"

माकपा के राज्यसभा सदस्य विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा, "आखिर (ममता) बनर्जी बैठक में शामिल हुई ही क्यों? ...जबकि अन्य विपक्षी दलों ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया। ममता बनर्जी के इस कदम से यह साफ जाहिर होता है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपना तालमेल बनाने गई थीं।"


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