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झारखंड में राज्यव्यापी बंद का मिलाजुला असर

झारखंड में विपक्ष द्वारा भूमि अधिग्रहण अधिनियम में संशोधन के खिलाफ आज बुलाए गए राज्यव्यापी बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला

झारखंड में राज्यव्यापी बंद का मिलाजुला असर
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रांची। झारखंड में विपक्ष द्वारा भूमि अधिग्रहण अधिनियम में संशोधन के खिलाफ आज बुलाए गए राज्यव्यापी बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला।

इस अधिनियम में संशोधन से जमीन की सीधी खरीद की अनुमति मिल जाएगी। बंद कराने की कोशिश को लेकर राज्य भर में विभिन्न जगहों पर विपक्षी पार्टियों के एक हजार से अधिक समर्थकों को गिरफ्तार किया गया।

यह बंद सरकार द्वारा उस कानूनी प्रावधान को अनुमति दिए जाने के खिलाफ है जिसके तहत सरकार जमीन मालिकों से सीधे जमीन अधिग्रहीत कर सकती है।

ज्यादातर दुकानें व स्कूल बंद रहे, जबकि लंबी दूरी की बसें नहीं चलीं। रेल सेवाएं साहेबगंज जिले में प्रभावित हुईं।

झारखंड सरकार ने हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

गृह सचिव एस.के. रहाटे ने बुधवार को कहा, "जो भी सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हुए पाया जाएगा, उसके साथ कानून के अनुसार निपटा जाएगा। उन्हें नुकसान की भरपाई करनी होगी।"

झारखंड विधानसभा ने अगस्त 2017 में संशोधन विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया था, जबकि राष्ट्रपति ने इसे जून में मंजूरी दे दी।

राज्य सरकार का कहना है कि यह संशोधन जरूरी था क्योंकि जनोपयोगी परियोजनाओं में पहले के प्रावधानों के कारण देरी हो रही थी, जिसमें सीधी जमीन की खरीद पर रोक थी।

भूमि अधिग्रहण संशोधन अधिनियम 2013 में बदलाव के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के दौरान हालात को संभालन के लिए राज्य पुलिस के करीब 5,000 कर्मियों की तैनाती की गई है। इसके साथ ही रैपिड एक्शन फोर्स की दो कंपनियां, रिजर्व आर्म्ड फोर्स की छह कंपनियां व 3,100 होमगार्ड तैनात किए गए हैं।


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