Top
Begin typing your search above and press return to search.

मिथिलांचल : लोकपर्व कोजगरा को लेकर बाजारों में हलचल

शारदीय नवरात्र की समाप्ति के बाद मिथिलांचल के नवविवाहितों के लिए खासा महत्व रखने वाले लोकपर्व कोजागरा को लेकर बाजारों में हलचल देखी जा रही है

मिथिलांचल : लोकपर्व कोजगरा को लेकर बाजारों में हलचल
X

दरभंगा। शारदीय नवरात्र की समाप्ति के बाद मिथिलांचल के नवविवाहितों के लिए खासा महत्व रखने वाले लोकपर्व कोजागरा को लेकर बाजारों में हलचल देखी जा रही है।

ऐसी मान्यता है कि कोजागरा (को-जागृति) की रात्रि में जगने वाले व्यक्ति अमृत पान के भागी होते हैं।

इस पर्व की तैयारियों के लिए मिथिलांचल के बाजारों में पान, मखान, मिठाई और मछली की खरीद को लेकर काफी हलचल देखी जा रही है।
मिथक के अनुसार, आश्विन पूर्णिमा की रात्रि में पूनम की चांद से अमृत की वर्षा होती है और जो जागता है वही अमृत का पान भी करता है।

खासकर नवविवाहित वर अपने विवाह के पहले वर्ष में इस अमृत का पान करें तो उनका दाम्पत्य जीवन सुखद बना रहता है। इसी कामना को लेकर यह लोक पर्व मिथिला में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है।

लोक संस्कृति विशेषज्ञ शंकर देव झा के अनुसार मिथिला में नवविवाहित वरों के यहां आश्विन पूर्णिमा को कोजागरा का विशेष उत्सव मनाने की परम्परा रही है।

मिथिलांचल में ब्राह्मण, कर्ण कायस्थ, गंधवरिया राजपूत, पोद्दार वैश्य, धानुक, केवट, सोनार आदि विभिन्न जातियों में इस पर्व को मनाने की परम्परा है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it