तमोर पिंगला क्षेत्र में मृत हाथियों के हड्डी व दांत गायब
सूरजपुर जिला के तमोर पिंगला अभ्यारण्य में मृत हाथियों के शव को जिस जगह दफनाया गया था, उस गड्डे को खोद माफियाओं ने हाथी के दांत व हड्डियां चोरी कर लिये हैं।

प्रतापपुर। सूरजपुर जिला के तमोर पिंगला अभ्यारण्य में मृत हाथियों के शव को जिस जगह दफनाया गया था, उस गड्डे को खोद माफियाओं ने हाथी के दांत व हड्डियां चोरी कर लिये हैं। मामला तब प्रकाश में आया जब रमकोला क्षेत्र के ग्रामीणों ने उन गड्डों को देखा। ग्रामीणों की मानें तो इस घटना में वन विभाग के कर्मचारी भी संलिप्त हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि जंगली हाथियों के मृत होने के बाद दफन किये गए हाथियों के कोई अवशेष गड्ढों में नहीं हैं। ग्रामीणों ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई। गौरतलब है कि पिछले दो वर्षों से तमोर पिंगला क्षेत्र में करीब पांच जंगली हाथियों की मौत विभिन्न कारणों से हुयी थी जिन्हें वन विभाग द्वारा रमकोला के आसपास तमोर पिंगला के जंगलों में दफना दिया गया था। नाम न छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने वनकर्मियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि अभ्यारण्य के प्रभावी वनकर्मियों ने दफन किये गए हाथियों के हड्डी और दांत माफियाओं के साथ मिल निकाल लिए हैं और उन्हें बेच दिया है।
ग्रामीणों ने आगे बताया कि पिछले दो वर्षों में तमोर क्षेत्र में करीब पांच हाथियों की मौत हुयी थी जिन्हें वन विभाग द्वारा आसपास के जंगलों में दफना दिया गया था लेकिन अब दफन किये हुए जगह पर गड्ढे हैं और वहां हाथियों के कुछ अवशेष छोड़ दांत और हड्डियां गायब हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुये बताया कि दफन करने के बाद कुछ नए लोग वनकर्मियों के साथ उधर हमेशा दिखते थे। पहले तो कुछ समझ नई आता था ज्यादा अंदर होने के कारण ग्रामीण भी उधर नहीं जाते थे जिससे वहां क्या हो रहा पता नहीं चलता था। बाद में जब कुछ लोग दफन किये हुए जगहों की और गए तो दिखा कि वहां गड्ढे खुदे हुए हैं और हाथियों के कुछ अवशेष छोड़ दांत और हड्डी गायब हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि वे सामने नहीं आ सकते,क्योंकि जंगल में उह्नें काम पड़ता है और वे सामने आएंगे तो वनकर्मी उन्हें परेशान कर सकते हैं। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि वन विभाग अब मृत हाथियों को मादा बता रहा है ताकि उनके दांत होने से इनकार किया जा सके। मामले में चर्चा के लिए रेंजर से बात नहीं हो पाई, लेकिन तमोर क्षेत्र के वनकर्मियों ने कहा कि हमने हाथी दफन कर दिए। अब उनके पहरेदारी की जिम्मेदारी हमारी नहीं है। कोई गड्ढे खोद हाथियों के साथ कुछ कर गया तो इसमें हम क्या कर सकते हैं। उन्होंने दफन किये हाथियों के जगह को खोद छेड़छाड़ की बात स्वीकार की।


