संविधान में अल्पसंख्यक शब्द परिभाषित नहीं :दीक्षित
उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने ‘अल्पसंख्यक’ शब्द को संविधान में परिभाषित नहीं बताकर एक नई बहस को जन्म दे दिया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने ‘अल्पसंख्यक’ शब्द को संविधान में परिभाषित नहीं बताकर एक नई बहस को जन्म दे दिया, दीक्षित ने यहां ‘यूनीवार्ता’ से कहा कि संविधान में ‘अल्पसंख्यक’ शब्द को परिभाषित ही नहीं किया गया है, इसलिये यह निर्विवाद नहीं है। हालांकि,वर्तमान राजनीतिक दौर में इस शब्द को परिभाषित किये जाने की जरूरत हैे।
उन्होंने कहा कि 1976 में आपातस्थित के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी ने संविधान में समाजवादी और पंथ निरपेक्षता शब्द जुडवा दिये थे। यह संशोधन संसद में विपक्ष की नामौजूदगी में कराया गया था, क्योंकि देश के प्रमुख विपक्षी नेता उस समय जेल में थे। उनका कहना था कि उस समय सभा अपने स्वरुप में नहीं थी।
इन दोनो शब्दों को परिभाषित भी नहीं किया गया था। परम्पराओं के अनुसार विधि निर्माण में प्रयुक्त शब्दों को परिभाषित किया जाना चाहिये। अल्पसंख्यक शब्द भी परिभाषित नहीं है, इसलिये इसको निर्विवाद नहीं कहा जा सकता।


