खनन माफियाओं के हौसले बुलंद,धमाकों से क्षेत्रवासी परेशान
रायगढ़ जिले के सारंगढ़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम गुडेली में खनन माफियाओ के हौसले इतने बुलंद है कि अधिकारी भी इन पर कार्यवाही करने से डर रहे है
रायगढ़। रायगढ़ जिले के सारंगढ़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम गुडेली में खनन माफियाओ के हौसले इतने बुलंद है कि अधिकारी भी इन पर कार्यवाही करने से डर रहे है कार्यवाही तो की जा रही है सिर्फ खाना पूर्ति के लिए लेकिन खनन माफियाओ का आतंक बदस्तूर जारी है। रायगढ़ जिले के सबसे बड़े गौण खनिज ग्राम गुडेली में ज्यादा मात्रे में लाइम इस्टोन पाया जाता है और इसकी खुदाई अंधाधुंध किया जा रहा है जिससे कि गांवों में खतरा बना रहता है बारूदी विस्पोट से आज हर रोज आस पास के गांव के लोगों की दीवारे दरकती जा रही है ।
इस क्षेत्र में किसी न्यूक्लियर ब्लास्ट की तरह दिखने वाला धुँवा न तो किसी बम ब्लास्ट का और भयंकर गड्ढे वाला गड्ढा किसी बम ब्लास्ट से बना है। ये माजरा रोज होने वाले खनन माफियाओं के द्वारा किये जाने वाले ब्लास्ट का है ब्लास्ट करने में ये न दिन देखते न ही रात माफियाओं का लोभ इतना है कि धरती के कोख को खोदकर खोदकर बड़े से घाव में बदल दिए है साथ नदी में जुड़ने वाले लात नाला को भी माफियाओं ने खोद कर रख दिया है नाले का हालात अब ये है कि ढूढ़ने से भी न मिले दूसरी ओर बरसात का मौसम शुरू होने वाला है।
बारिश के कारण खदानों में पानी भरने पहले अपनी व्यवथा में लग गए है पत्थर खनन करने की गति को बढ़ा दी है। और ताबड़तोड़ धमाके कर खनिजों का भंडारण किया जा रहा है ।धमाके इतने जबरदस्त है कि की इसका असर पास के घरों में पड़ रहा है घरों की दीवारें चटकने लगी है साथ ही साथ जमीन वाटर का लेबल लगातार नीचे जा रहा है हैंड पंप अब सूखने लगे हैं गावो में जीवन यापन कर रहे ग्रामीणों की शिकायत का अधिकारी सुध नही ले रहे है सुनने वाला कोई नहीं है। ग्रामीणों के शिकायत की कॉपी अब दफ्तरों में धूल फांक रही है दूसरे खनिज संपदा के लिए तो नियम अधिकारी बतौर बताते है मगर बिना लीज के चल रहे अवैध खदानों और क्रेशरों के लिए नियम को ताक में रख कर खुले आम माइनिंग की मंजूरी दे रहे है।
धमाका होगा तो जाहिर सी बात है इसका असर आसपास देखने को मिलेगा साथ ही घर की दीवारो का चटकना यह आम बात हो गई है गाव की जनता हमेशा डरी सहमी रहती है बाहर राह में घूमने वालो के उपर भी खतरा बना रहता है कि कब ब्लास्ट हुआ और पत्थर की बारिश सर के ऊपर आ गिरे विस्पोट के कुछ नियम है मगर इन नियमो को अंनदेखा कर लिकीविड डायनामाइट जैस खतरनाक विस्पोटको का सहारा लेकर खदान माफिये ब्लास्ट कर रहे है जो कि पूरी तरह प्रतिबंदित है खतरा ये बना रहता है की कही ये डायनामाइट गलत हाथो न पड़ जाए परेशान ग्रामीणों का कहना है कि विस्पोट से डर बना हुआ है बहरहाल इन खनन माफियाओं को कोई फर्क नही पड़ रहा है उनकी तो मजे है मगर इसका असर गांवो की जनता पर पड़ रहा है ।
कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। शिकायतकर्ता किसी बड़े कार्यवाही की आस छोड़ चुके है। कार्रवाई के नाम पर यह होता है सारंगढ स्थानीय प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी आते है और केवल खनिज इलाके का भ्रमण कर अपनी खाना पूर्ती कर लेते है। फिलहाल एक बार फिर जनता लाम बंद हुए है और शिकायत नव पदस्थ जिला कलेक्टर से किये है जिसके आदेश पर नायब तहिसीलदार को जांच कर परिवेदन देने को कहा जिसके बाद अवैध खदानों पर करवाई कर रही है। अब देखना ये होगा जिला प्रशासन जांच की प्रक्रिया कितनी आगे बढ़ती है और कितने अवैध खदानों और क्रेशरों पर कार्यवाही करती है और इन पर कोई ठोस करवाई करती है।
फिलहाल तो सबसे पहले नदी किनारे बने खदानों को सील करना जरूरी है ताकि इस गड्ढे शिकार कोई राहगीर न बने साथ ही प्रशासन को ये चाहिए कि खदानों में काम कर रहे मजदूरों का स्वास्थ्य के हित के साथ उनके साथ होने वही जोखिमो के लिए बीमे जैसे सुविधाओ का पहल करे जिससे कि खदानों में होने वाले दुर्घटनाओ पर बीमा लाभ मिल सके अब गुडेली पंचायत के बाशिन्दे किये गए शिकायत पर आस लगाए है कि जिले को लंबी रायल्टी देने वाला गुडेली का भी कभी कायाकल्प होगा और स्वच्छ जल व अस्पताल और बीमे जैसे सुविधाओं का ग्रामीणों और मजदुरो को लाभ मिले।


