संपत्तिकर में मामूली बढ़ोत्तरी, आजीविका और शिक्षा उपकर भी लगाए
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के प्रस्तावित बजट में आवासीय औऱ गैर आवासीय श्रेणी की संपत्तियों के कर की दरों में बढ़ोतरी करने की सिफारिश की गई है

नई दिल्ली। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के प्रस्तावित बजट में आवासीय औऱ गैर आवासीय श्रेणी की संपत्तियों के कर की दरों में बढ़ोतरी करने की सिफारिश की गई है। शुक्रवार को आयोजित स्थायी समिति की विशेष बैठक में निगमायुक्त डॉ पुनीत गोयल ने अपने बजट भाषण में जहां संपत्तिकर में मामूली इजाफा करने की सिफारिश की। वहीं, एक मुश्त कर जमा करवाने वालों को दी जाने वाली छूट में भी कटौती कर दी है। इसके साथ ही लोगों पर 1 प्रतिशत शिक्षा उपकर और प्रोफेशनल टैक्स (आजीविका कर) भी लगाया गया है जो सालाना संपत्तिकर के साथ देय होगा। आयुक्त द्वारा पेश साल 2018-19 के लिए प्रस्तावित बजट में 4,977.93 रुपये खर्च का प्रावधान किया गया है जबकि 4,571. 71 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया गया है।
आयुक्त के मुताबिक राजधानी में लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते निगम ने निकट भविष्य में इलैक्ट्रिक गाड़िया खरीदने का फैसला किया है। इसके अलावा निगम की 400 सम्पत्तियों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे,जिनसे उत्पन्न बिजली का इस्तेमाल उन्ही भवनों में किया जाएगा जहां पैनल लगे होंगे। गोयल ने बताया कि निगम के 581 स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 3 लाख बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए नागरिकों पर शिक्षा उपकर लगाया गया है जो कुल संपत्तिकर का महज 1 प्रतिशत ही होगा। बजट के मुताबिक साल 2018-19 में नए शैक्षिक सत्र से सभी निगम स्कूलों में नर्सरी कक्षा की भी शुरुआत की जाएगी। कक्षा एक से कक्षा पांच कक्षा तक शिक्षा का माध्यम अब अंग्रेजी भाषा होगी। इसके लिए रीड टू मी एप का सहारा लिया जाएगा।
निगम के स्कूली बच्चों को निजी स्कूलों की तर्ज पर ग्रीन बोर्ड में पढ़ाई करवाई जाएगी। साथ ही शिक्षा विभाग एक ऐसा पोर्टल बनाएगा जिस पर बच्चो और शिक्षकों के ट्रान्सफर से सम्बंधित कार्य किए जा सकेंगे । वहीं, वर्दी के लिए मिलने वाली नकद राशि500 रुपए से बढ़ाकर 1100 रुपए कर दी गई है। उधर, बंदरों के उत्पात पर काबू पाने के लिए निगम ने बंदर पकड़ने वालों को 2400 रूपये प्रति बंदर की दर से भुगतान करने का फैंसला किया है। गौरतलब है कि दिल्ली के तीनों निगम में सिर्फ दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ही ऐसा निकाय है जिसकी आर्थिक स्थिति अच्छी रही है और वह अपनी योजनाओं को लगातार अमली जामा पहनाता रहा है ।
आयुक्त के प्रस्ताव के मुताबिक 30 जून तक ऑनलाइन संपत्ति कर जमा कराने वाले लोगों को मिलने वाली 15 फीसदी की छूट घटाकर 10 प्रतिशत, वरिष्ठ नागरिकों, विकलांगो और महिलाओं की 200 वर्गमीटर तक की संपत्ति के कर की छूट को 30 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत और को-ऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी की संपत्तियों को एकमुश्त भुगतान पर मिलने वाली 20 प्रतिशत की छूट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। गोयल ने अपने बजट में बेहतर सुविधाएं देने के नाम पर जो कर लगाए हैं उनमें प्रोफेशनल टैक्स (आजीविका कर) भी शामिल है। इस कर के लिए 2 लाख 40 हजार रुपये सालाना तक अर्जित करने वालों को कर से छूट दी गई है जबकि, 2 लाख 40 हजार से 6 लाख रुपये तक अर्जित करने वालों से 1800 रुपये और 6 लाख से अधिक अर्जित करने वालों से 2400 रुपये सालाना वसूले जाएंगे।


