ढाबे में काम करते मिला मासूम,चाइल्डलाइन ने कराया मुक्त
बालमजदूरी पे अंकुश लगाने सरकार तमाम अभियान चला रही है बावजूद निजी संस्थान होटल ढाबो में बच्चे मजदूरी करते आसानी से नजर आ जाते है
रायगढ़। बालमजदूरी पे अंकुश लगाने सरकार तमाम अभियान चला रही है बावजूद निजी संस्थान होटल ढाबो में बच्चे मजदूरी करते आसानी से नजर आ जाते है ।
कई बार अशिक्षा और गरीबी की वजह से बच्चों को परिजन मजदूरी के लिए भेज देते है और दलाल इसी गरीबी और लाचारी का नाजायज फायदा उठा कर नाबालिग बच्चों से काम करवाते है ।
ऐसा ही दुखद नजारा धरमजयगढ़ रायगढ़ रोड स्थित बिहारी ढाबा में देखने को मिला जहाँ बारह वर्षीय बालक जो खेलने पड़ने की उम्र में मजदूरी कर रहा था ।
उसका शोषण भी हो रहा था मासूम को प्रताड़ित होते देख पास ही के दर्रीडीह गाँव निवासी रोहित यादव ने इंसानियत का परिचय देते हुए चाइल्ड लाइन रायगढ़ में मोबाईल के माध्यम से सुचना दी ,सुचना पर चाइल्ड लाइन के कर्मचारी चेतन प्रधान उनके साथी मासूम बच्चे को अपने कब्जे में लेकर उससे पूछ ताछ किए तो पता चला बालक झारखंड का है और घर में उसके पिता नहीं केवल माँ ही है ।
4 माह पहले ढाबा संचालक मंटू बिहारी द्वारा उसे होटल में काम कराने और एवज में रूपए देने के नाम से लेकर आया था ।
परंतु यहाँ उस मासूम के साथ मारपीट की जा रही थी यहाँ तक उस मासूम से ढाबा में शराब की बिक्री भी कराई जा रही थी ।साथ ही उसे घर जाने भी नहीं दिया जा था ।
बहरहाल चाइल्ड लाइन के कर्मचारी आरोपी ढाबा संचालक के खिलाफ दस्तावेज तैयार कर थाणे में सुपुर्द कर बच्चे को चाइल्ड लाइन सेंटर ले गई ।
ब्यान अनुसार पुलिस ढाबा संचालक के खिलाफ आगे की कार्यवाही कर रही है । बड़ी विडम्बना है की धरमजयगढ़ पुलिस के नाक के निचे मासूम बच्चों से मजदूरी करवाई जा रही है।


