Top
Begin typing your search above and press return to search.

पर्यटन मंत्रालय ने किया स्नो-मैराथन का आयोजन, 130 से अधिक धावकों ने ली भागीदारी

एक अनोखी पहल के तहत पर्यटन मंत्रालय ने जम्मू में पहले स्नो-मैराथन का आयोजन किया

पर्यटन मंत्रालय ने किया स्नो-मैराथन का आयोजन, 130 से अधिक धावकों ने ली भागीदारी
X

नई दिल्ली। एक अनोखी पहल के तहत पर्यटन मंत्रालय ने जम्मू में पहले स्नो-मैराथन का आयोजन किया। पर्यटन मंत्रालय ने रियल स्पोर्ट्स इंडिया के साथ मिलकर स्थानीय प्रशासन, अमेजि़ंग भद्रवाह टूरिज्म एसोसियेशन (आबटा) के सहयोग से रविवार यानी 26 फरवरी को जम्मू के भद्रवाह में स्नो-मैराथन का आयोजन किया गया।

अब तक के पहले भव्य स्नो मैराथन कार्यक्रम का आयोजन भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने, जी-20 भारत अध्यक्षता, देखो अपना देश, युवा पर्यटन क्लब और फिट इंडिया मूवमेंट के क्रम में किया गया था। इसका उद्देश्य देशभर में यात्रियों और रोमांच के शौकीनों में स्नो मैराथन जैसे रोमांचकारी खेलों के लिये खेल-भावना का संचार करना था।

इस पहले जम्मू स्नो रन सफारी को डोडा के उपायुक्त व डीएम विशेष महाजन ने झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रतिभागियों और कार्यक्रम के आयोजकों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की रोमांचकारी खेल गतिविधियों को प्रोत्साहन देना चाहिये। इसमें खेल के शौकीनों को ज्यादा तरजीह दी जाये। उन्होंने कहा कि गुलडंडा (भद्रवाह) में स्नो रन सफारी जैसी गतिविधियों की अपार संभावनायें हैं, जिसे पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिये इस्तेमाल किया जा सकता है। इस मौके पर सीओ-राष्ट्रीय राइफल, एसएसपी-डोडा, सिक्किम पर्टन के संयुक्त सचिव के विभागों तथा जम्मू व कशमीर पर्यटन तथा पर्यटन मंत्रालय, सीओ-भद्रवाह विकास प्राधिकरण के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

जिला विकास परिषद, जिला प्रशासन, भारतीय सेना, जम्मू विश्वविद्यालय के भद्रवाह परिसर ने कार्यक्रम के दौरान पूरा समर्थन दिया। मैराथन के अलावा, कई स्कूली बच्चों, शिक्षकों और स्कूल- कॉलेज प्रबंधन को भी दर्शक के तौर पर आमंत्रित किया गया था। स्कूल- कॉलेज के शिक्षकों को युवा पर्यटन क्लबों का गठन करने तथा युवाओं की सक्रिय भागीदारी के जरिये पर्यटन को प्रोत्साहन देने की जानकारी भी दी गई।

इस मैराथन में देशभर से 130 धावकों ने हिस्सा लिया। ये मैराथन गुलडंडा से शुरू हुई। धावकों को पांच किमी, 10 किमी और 25 किमी तक की दूरी दौड़कर तय करने का विकल्प दिया गया था। भद्रवाह का वह बर्फ से ढका हिस्सा अत्यंत दर्शनीय था। धावकों का उत्साह बढ़ाने के लिये भारी संख्या में स्थानीय लोग जुटे थे। पर्यटन मंत्रालय आने वाले वर्षों में इसी तरह के अन्य कार्यक्रमों के आयोजन पर भी विचार कर रहा है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it