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कौशल विकास मंत्रालय इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस की मदद से बढ़ाएगा अपने अधिकारियों की क्षमता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम 'मिशन कर्मयोगी' के अनुरूप कौशल विकास मंत्रालय ने इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) के साथ साझेदारी की है

कौशल विकास मंत्रालय इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस की मदद से बढ़ाएगा अपने अधिकारियों की क्षमता
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम 'मिशन कर्मयोगी' के अनुरूप कौशल विकास मंत्रालय ने इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) के साथ साझेदारी की है। यह क्षमता निर्माण और सरकारी कर्मचारियों की मानसिकता, कार्यप्रणाली तथा कौशल सेट के आधुनिकीकरण की दिशा में अपनी तरह का पहला प्रयोग है। इसका उद्देश्य सरकारी अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण करना है।

मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सभी प्रभागों के कुल 120 अधिकारी (30 अधिकारी प्रति बैच) आईएसबी हैदराबाद और मोहाली परिसरों में पांच दिवसीय गहन आवासीय प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। 30 अधिकारियों के पहले समूह (बैच) ने दीक्षांत समारोह के साथ आईएसबी मोहाली परिसर से अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य अधिकारियों के कौशल निर्माण के लिए अधिकारियों के मिश्रित बैच के क्षमता निर्माण प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करना है। इसमें एमएसडीई, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के प्रधानाचार्यों, सेक्टर कौशल परिषदों, सीईओ, राज्य कौशल मिशन निदेशकों और जन शिक्षण संस्थानों (जेएसएस) तथा राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के अधिकारी शामिल हैं। मंत्रालय और आईएसबी के बीच सहमति पत्र पर कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव राजेश अग्रवाल की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।

इस कार्यक्रम का प्राथमिक लक्ष्य रणनीतिक मानसिकता विकसित करते हुए नेतृत्व कौशल को मजबूत करना है जिससे डेटा एनालिटिक्स और डिजिटल परिवर्तन में अंतर्²ष्टि प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। मंत्रालय और आईएसबी रणनीतिक नेतृत्व और प्रबंधन विकास कार्यक्रमों के माध्यम से अधिकारियों को अपने संबंधित संगठनों के भीतर नवाचार की संस्कृति स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। अधिकारियों के इन समूहों को रणनीतिक रूप से नई चुनौतियों को स्वीकार करते हुए क्रॉस-लनिर्ंग को प्रोत्साहित करने और निरंतर सफलता सुनिश्चित करने के लिए जटिलताओं को समझने के लिए तैयार किया गया है।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि भारत महाशक्ति बनने की ओर आगे बढ़ रहा है और ऐसे में सरकारी कर्मचारियों के लिए यह आवश्यक है कि वे भारत के आर्थिक विकास में उत्पादक योगदान देने लायक बनने के लिए खुद की कार्य कुशलता को बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि हम इन विकास कार्यक्रमों के माध्यम से क्रॉस-लनिर्ंग को बढ़ावा देने का इरादा रखते हैं, जो अंतत व्यापार रणनीति के मुख्य घटकों को लेकर एक व्यावहारिक समझ पैदा करेगी। उन्होंने कहा कि हम नई पीढ़ी के कुशल कार्यबल का निर्माण करने के लिए तत्पर हैं जो भारत के नवाचार भविष्य को संचालित करेगा।

मंत्रालय में क्षमता निर्माण अभ्यास के दौरान की गई प्रमुख पहलों में भारत कौशल विकास सेवा (आईएसडीएस) अधिकारियों के लिए परिचय कार्यक्रम, एमएसडीई की सभी महिला कर्मचारियों के लिए आत्म-रक्षा प्रशिक्षण, मंत्रालय के 765 अधिकारियों के लिए तनाव प्रबंधन में 5 दिवसीय आर्ट ऑफ लिविंग प्रशिक्षण कार्यक्रम और एमएसडीई परितंत्र के अधिकारियों सहित 120 अधिकारियों के प्रबंधन और नेतृत्व में क्षमता निर्माण शामिल हैं।


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