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लद्दाख की संस्कृति और भाषा की रक्षा के लिए गृह मंत्रालय ने विशेष समिति का गठन किया

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की विशिष्ट संस्कृति, भाषा और रोजगार के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार ने एक उच्चाधिकार समिति का गठन किया है।

लद्दाख की संस्कृति और भाषा की रक्षा के लिए गृह मंत्रालय ने विशेष समिति का गठन किया
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नई दिल्ली, 3 जनवरी: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की विशिष्ट संस्कृति, भाषा और रोजगार के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार ने एक उच्चाधिकार समिति का गठन किया है। इस समिति में 17 सदस्य होंगे, जिसकी अध्यक्षता गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय करेंगे। गृह मंत्रालय ने अपने एक आदेश में यह जानकारी दी है। जानकारी के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लद्दाख की भौगोलिक स्थिति और सामरिक महत्व को देखते हुए इसकी अद्वितीय संस्कृति और भाषा की रक्षा के उपायों पर चर्चा करने के लिए सोमवार को एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया। यह समिति लद्दाख में लोगों के अधिकारों की रक्षा और संस्कृति को बचाने को लेकर अधिकारियों के साथ मंथन करेगी। दरअसल लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश के रूप में बनाने के बाद से ही लद्दाखी लोग अपने अधिकारों की रक्षा के लिए प्रदर्शन कर रहे थे।

गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता वाली समिति लद्दाख के लोगों के लिए भूमि और रोजगार की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी ध्यान देगी। यह लोगों के लिए समावेशी विकास, रोजगार सृजन और लद्दाख की लेह-करगिल स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषदों के सशक्तीकरण से संबंधित उपायों पर भी चर्चा करेगी।

इस 17 सदस्यीय समिति में लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर, क्षेत्र के सांसद जेटी नामग्याल, लेह और कारगिल की स्वायत्त पहाड़ी परिषदों के अध्यक्ष के साथ लेह-करगिल शीर्ष निकाय के प्रतिनिधि, करगिल डेमोक्रेटिक एलायंस और गृह मंत्रालय के मनोनीत अधिकारी शामिल हैं।

गौरतलब है कि कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस और लेह एपेक्स बॉडी ने लद्दाख के लिए छठी अनुसूची के तहत मान्यता की मांग को लेकर 7 जनवरी को बैठकों और प्रदर्शनों की योजना बनाई है। यही वजह है कि केंद्र के इस कदम को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।


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