मंत्री घनघोरिया ने उच्च न्यायालय से मांगी माफी
मध्यप्रदेश के सामाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया ने अदालत के अवमानना से जुड़े मामले में राज्य उच्च न्यायालय के समक्ष माफी मांगी है।

जबलपुर । मध्यप्रदेश के सामाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया ने अदालत के अवमानना से जुड़े मामले में राज्य उच्च न्यायालय के समक्ष माफी मांगी है।
उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आर एस झा और न्यायाधीश वी के शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष मंत्री लघन घनघाेरिया की ओर से उनके अधिवक्ता ने गुरूवार को एक आवेदन पेश किया। इसमें मंत्री एवं जबलपुर से विधायक लखन घनघाेरिया की ओर से कहा गया है कि वे न्यायालय का सम्मान करते हैं और न्याय पालिका में उनकी आस्था है। उनका उद्देश्य कभी भी न्यायालय के आदेश की अवहेलना करना नहीं था। त्रुटिवश ऐसा हुआ है, तो वह बिना शर्त माफी मांगने तैयार हैं।
युगलपीठ ने आवेदन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थान पर अदालत को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की जाती है और फिर अदालत में बिना शर्त माफी मांगने का आवेदन पेश किया जा रहा है। इस पर मंत्री की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। अदालत के आदेश पर अधिवक्ता ने कहा कि इस संबंध में आवेदक की ओर से अदालत के आदेश पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
जबलपुर में पहाड़ियों और आसपास की सरकारी जमीन पर कब्जा हटाने को लेकर अदालत ने पूर्व में आदेश दिए थे। हाल ही में मंत्री लघन घनघाेरिया ने इसी इलाके में एक जनसभा में अदालत का जिक्र करते हुए टिप्पणियां कर दी थीं। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ। इस घटना के बीच एक नागरिक आदित्य नारायण शुक्ला की तरफ से अधिवक्ता श्रेयस पंडित ने मंगलवार को युगलपीठ के समक्ष शिकायत आवेदन पेश करते हुए कहा कि मंत्री ने सार्वजनिक तौर पर अदालत के खिलाफ टिप्पणी कर अदालत की अवमानना की है। इस मामले में अदालत ने नाराजगी व्यक्त करते हुए मंगलवार को ही 48 घंटों के भीतर संबंधित पक्षों से अपना रुख स्पष्ट करने का आदेश दिया था। इसके बाद मंत्री की ओर से गुरूवार को आवेदन पेश किया गया।


