Top
Begin typing your search above and press return to search.

मप्र में मंत्री ने उजागर की स्वास्थ्य सेवाओं की गड़बड़ी

मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं, कोरोना मरीजों को बेहतर उपचार न मिलने की शिकायतें भी सामने आ रही हैं।

मप्र में मंत्री ने उजागर की स्वास्थ्य सेवाओं की गड़बड़ी
X

सागर | मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं, कोरोना मरीजों को बेहतर उपचार न मिलने की शिकायतें भी सामने आ रही हैं। शिवराज सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव ने सागर जिले के गढ़ाकोटा में गुरुवार देर रात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भ्रमण किया तो उन्हें वहां चिकित्सक और पैरा मेडिकल स्टाफ से लेकर चौकीदार तक नदारद मिला। इस बात का खुलासा खुद मंत्री ने किया है। कांग्रेस के नेता के.के. मिश्रा ने भार्गव के साहस की सराहना की है। मंत्री भार्गव ने शुक्रवार को अपनी फेसबुक वाल पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया। उन्होंने लिखा है, विगत कुछ दिनों से मुझे शिकायत प्राप्त हो रही थी कि गढ़ाकोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ती है लेकिन कोई भी डॉक्टर या कर्मचारी उन्हें नहीं मिलते, कल देर रात भोपाल से लौटने के उपरांत मुझे पुन: शिकायत प्राप्त हुई कि अस्पताल में मरीजों के लिए डॉक्टर या कर्मचारी नहीं मिलते तथा शासन द्वारा अस्पताल में उपलब्ध कराई गई दवाइयां, एक्स-रे फिल्म आदि की व्यवस्था भी नहीं है, जिसके उपरांत आज रात्रि में ढ़ाई बजे मैंने गढ़ाकोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। मेरे साथ गढ़ाकोटा नगर के कुछ आमजन भी मौजूद थे।

भार्गव ने आगे लिखा, मैंने पूरे अस्पताल का भ्रमण किया, जोर-जोर से आवाज भी लगाई लेकिन कोई भी डॉक्टर, कंपाउंडर, नर्स या पैरामेडिकल स्टाफ यहां तक कि चौकीदार भी अस्पताल में उपस्थित नहीं मिला। पूरे अस्पताल की परिक्रमा करने के बाद मैं अपनी स्कूटी से अपने घर आ गया। सोच रहा हूं, कि कैसे गैर जिम्मेदार लोग हैं, कि प्रदेश सरकार में मंत्री के गृह नगर के स्वास्थ्य केंद्र के यह हालात है कि मंत्री ढ़ाई बजे रात को जाग रहा है और कर्मचारी दिन में भी नहीं मिल रहे हैं। यही हाल मेरे विधानसभा क्षेत्र के रहली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा शाहपुर स्वास्थ्य केंद्र का भी है।

भार्गव ने आगे लिखा, महामारी के संक्रमण काल मे स्वास्थ्य सेवा जैसी आपातकाल सेवाओं में इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त करने लायक बिल्कुल भी नही है। एक तरफ जहां मनरेगा का मजदूर दो सौ रुपए प्रति दिन की मजदूरी के लिए अपनी हड्डियां तोड़ रहा है, वहीं तीन-चार हजार रुपए प्रति दिन का मोटा वेतन लेने वाले डॉक्टर और अधिकारी अपने वातानुकूलित घरों में ऐश कर रहे हैं, अब यह नहीं चलेगा। अपने क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्रों के औचक निरीक्षण के साथ-साथ अब मैं जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओं का निरिक्षण भी सप्ताह में दो दिन करूंगा।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के.के. मिश्रा ने मंत्री भार्गव के साहस की सराहना करते हुए कहा, कद्दावर मंत्री गोपाल भार्गव जी, आपने कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल कर मानवता पर अहसान कर दिया। नेतृत्व अकर्मण्य होगा तो अफसरशाही हावी होगी ही, 'शिवराज' में अस्पतालों में 'यमराज' को फ्रेंचाइजी मिली हुई है! बच्चे बदलना, शव कंकाल होना, चूहों द्वारा उसे कुतरना आम बात हो गई है!


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it