खनिज वाहनों में लगेंगे अब जीपीएस
शासन ने सभी जिला खनिज विभागों को निर्देश जारी किया है कि खनिज परिवहन वाहनों में जीपीएस लगाए जाएं। खनिज वाहन में जीपीएस लगाने से खनिजों की चोरी में लगाम लगेगा
बिलासपुर। शासन ने सभी जिला खनिज विभागों को निर्देश जारी किया है कि खनिज परिवहन वाहनों में जीपीएस लगाए जाएं। खनिज वाहन में जीपीएस लगाने से खनिजों की चोरी में लगाम लगेगा।
वाहनों की जानकारी विभाग को मिलती रहेगी। खदानों से जब खनिज परिवहन वाहनों के निकलते ही इसकी सूचना तुरंत मिल जाएगी। सिस्टम से रायल्टी चोरी नहीं की जा सकेगी। खनिज विभाग ने वाहनों का पंजीयन शुरू कर दिया है। विभाग के पास उन वाहनों को आंकड़ा पहले नहीं था मगर अब जो वाहन खनिज परिवहन के कार्य में लगेंगे उनका पंजीयन अनिवार्य हो जाएगा। शासन को खनिजों की चोरी से हर साल अरबो का नुकसान होता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन खनिज परिवहन वाहनों में जीपीएस सिस्टम नहीं लगेंगे उन वाहनों पर कार्रवाई कर वाहन मालिक को जेल भेजने का भी प्रावधान है। खनिज विभाग ने जीपीएस सिस्टम लाफार्ज सीमेंट कंपनी के वाहनों में लगाने के भी निर्देश दिए हैं।
लाफार्ज कंपनी ने खनिज वाहनों में सिस्टम लगवा दिया है और इन्हें खनिज विभाग से जोड़ दिया गया है। वाहन जब खदान से निकलेंगे तो अधिकारियों के मोबाइल पर मेंसेज तुरंत मिल जाएगा। खनिज मुख्यालय में जिले के सभी खनिज विभाग जीपीए सिस्टम से जुड़े रहेंगे। विभाग ने खनिज वाहनों का पंजीयन शुरू कर दिया है। जिले के सभी खनिज परिवहन वाहनों का पंजीयन कराना अनिवार्य कर दिया है।
पहले खनिज विभाग के पास पहले इन वाहनों का आंकड़ा नहीं था। अब खनिज विभाग के पास जिले में खनिज परिवहन कार्य में लगे वाहनों की संख्या की जानकारी मिलती रहेगी। इससे खनिज माफिया की परेशानियां बढ़ सकती है। क्योंकि खनिज माफिया अब खनिज रायल्टी की चोरी नहीं कर पाएंगे। हर दिन की जानकारी विभाग को मिल सकेगी। खनिज चोरी रूकने पर शासन को अरबों का लाभ होने का अनुमान है।
अवैध उत्खनन जोरों पर
प्रदेश में खनिजों का अवैध उत्खनन जोरों पर है, जिससे शासन को अरबों का नुकसान हर माह हो रहा है। जीपीएस सिस्टम से अवैध उत्खनन पर लगाम लग सकती है। शासन खनिज कार्य को ऑनलाईन करने का कार्य कर रही है। 80 प्रतिशत खनिज कार्य ऑनलाईन हो चुके हैं। 20 प्रतिशत को ऑनलाईन करने का काम चल रहा है।
सभी कार्य ऑनलाइन
खदान की नीलामी प्रक्रिया को आनलाईन कर दी गई है। रायल्टी पर्ची को आनलाईन कर दिया गया है। सभी कार्य को आनलाइन करने से खनिज संपदा की वे बचने का कार्य शासन के द्वारा किया जा रहा है परंतु नेता और खनिज माफिया खनिज सम्पदा का दोहन कई सालों से कर रहे हैं। इधर खनिज माफिया वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगने से परेशान हैं।
90 फीसदी तक मिलेगा राजस्व
शासन को वर्तमान में खनिज से राजस्व के रूप में 50 फीसदी ही राशि हासिल होती है परंतु अब 80 से 90 फीसदी राजस्व मिलने का अनुमान रहा।
अन्नदूत वाहनों में लगा है जीपीएस
खाद्य विभाग के अनाज वितरण वाहनों में भी 8 साल पूर्व जीपीएस लगा हुआ है। वाहनों का लोकेशन खाद्य विभाग को पल-पल में मिलता रहता है।
स्कूली बस भी सिस्टम से जुड़े हैं
कोर्ट के आदेश के बाद शासन ने स्कूल की बसों में जीपीएस को लगवाया है। बसों की जानकारी स्कूल प्रशासन को पल-पल से मिलती रहती है। जीपीएस कम्प्यूटर से जुड़ा है।


