Top
Begin typing your search above and press return to search.

कागजों पर लगा दी लाखों की स्ट्रीट लाईट!

गांव और उसकी गलियों में रौशनी करने के लिये स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर बीते 6 वर्षों में डेढ़ लाख से अधिक की राशि निकाल तो ली गई लेकिन धरातल पर नहीं बल्कि कागजों में ही रौशनी की जा सकी है

कागजों पर लगा दी लाखों की स्ट्रीट लाईट!
X

कोरबा। गांव और उसकी गलियों में रौशनी करने के लिये स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर बीते 6 वर्षों में डेढ़ लाख से अधिक की राशि निकाल तो ली गई लेकिन धरातल पर नहीं बल्कि कागजों में ही रौशनी की जा सकी है। इस गड़बड़ी के उजागर होने पर ग्रामवासी भी हैरान है कि जब इतनी बड़ी रकम निकाली गई तो आखिर अंधेरा दूर क्यों नहीं हो रहा है?

जानकारी के अनुसार करतला विकासखंड के ग्राम पंचायत चाम्पा में इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। चांपा में स्ट्रीट लाईट के नाम पर कागजों में 2010 से 2016 तक कुल 1 लाख 52 हजार 347 रुपये का आहरण किया गया है परंतु गांव में भौतिक स्थिति की जांच करने पर पता चला कि एक भी स्ट्रीट लाइट गांव के किसी भी चौक में नहीं लगी है। आरोप है कि गांव और ग्रामीणों के विकास के लिये सरकार द्वारा प्रदान की गई राशि को सरपंच तथा सचिव ने बंदरबाँट कर लिया है। फर्जी बिलों को लगाकर लाखों रुपये आहरित कर लिये गये जबकि जनपद पंचायत से भौतिक सत्यपान नहीं होने के कारण अब तक मामले का खुलासा नहीं हुआ था।

जब ग्रामीणों से इस संबंध में पूछा गया तो ग्रामीण भी हैरान रह गए कि गांव में स्ट्रीट लाइट लगी है! ग्रामीणों ने बताया कि गांव के किसी स्थान पर स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है जबकि राशि आहरित कर लिये गये। मूलभूत की राशि को अपना जेब खर्च समझने वाले सचिव उमेंद राठिया और सरपँच श्रीमती मीना राठिया पर फर्जी बिल के सहारे राशि आहरण और गबन का आरोप लगाया जा रहा है। ग्रामीणों की मानें तो पंचायत में लाखों रुपए शासन ने भेजे परंतु ज्यादातर राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गये।

यहां यह बताना लाजिमी है कि पिछले कुछ माह से लगातार हाथियों का दल इस क्षेत्र में लगातार विचरण कर नुकसान पहुंचा रहा है और ऐसे में कब हाथी का रूख इस गांव की ओर हो जाये, कहा नहीं जा सकता। अंधेरा छाये रहने का खामियाजा किसी भी रूप में ग्रामीणों को भुगतना पड़ सकता है।

स्ट्रीट लाईट नहीं, विकास का भी अभाव

ग्राम चाम्पा निवासी नरेश राठिया ने बताया कि गांव में स्ट्रीट लाइट अभी तक नहीं लगी है। लाखों रुपये निकालते हैं और क्या-क्या काम करते है ये तो ग्रामीणों को नहीं बताया जाता है। स्ट्रीट लाइट के नाम से भी राशि निकाली गई है परंतु अब तक स्ट्रीट लाइट गांव में नहीं लगी है। गांव में कोई विकास नहीं हो रहा है। इसी तरह राजेन्द्र राठिया ने बताया कि यह हाथी प्रभावित क्षेत्र है जहां बिजली की आये दिन दिक्कतें होती हंै। ऐसे में गांव में राशि आहरण के बाद भी स्ट्रीट लाइट नहीं लगाना समझ से परे है। गांव में स्ट्रीट लाइट के नाम से पैसे निकालने वाले भ्रष्ट जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही कर राशि की वसूली होनी चाहिये।

दशहरा-दीपावली में लगाते हैं लाईट: सरपंच-सचिव

इस मामले में ग्राम पंचायत चांपा के सरपंच पति का कहना है कि स्ट्रीट लाइट में वे स्वयं दो बार बल्ब लगवा चुके हैं। बीच-बीच में लोग गुलेल मारकर फोड़ देते हैं। कई लोग तो बल्ब चोरी कर ले जाते हैं। हर साल दशहरा और दीपावली के मौके पर स्ट्रीट लाइट में बल्ब और सीएफएल लगाया जाता है। सचिव उमेंद राठिया ने भी कुछ इसी तरह का जवाब देते हुये बताया कि दशहरा के समय खंभे में बल्ब और सीएफएल पंचायत द्वारा लगाया जाता है। इसके बाद अंधेरा रहता है।

वन विभाग भी ध्यान नहीं दे रहा है और पंचायत अपने से कितना खर्च करेगा? हर साल दशहरा-दीवाली के समय पंचायत व्यवस्था करता है। इन्होंने भ्रष्टाचार संबंधी ग्रामीणों के आरोप को नकारते हुये यह बात जरूर स्वीकारी कि दशहरा-दीपावली के पहले और बाद में गलियों में अंधेरा रहता है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it